रिटायरमेंट के बाद हेलीकॉप्टर से गांव जाने का सपना रहा अधूरा, साढ़े चार लाख भी फंसे
कर्मचारी की हेलीकॉप्टर से विदाई की तमन्ना रही अधूरी, साढ़े चार लाख भी फंसे
नई दिल्ली। गाजियाबाद नगर निगम में पंप ऑपरेटर के पद से रिटायर हुए नरेंद्र कुमार हाल ही में चर्चा में आए थे। उन्होंने बताया था कि 31 अगस्त को रिटायर होने के बाद वो हेलीकॉप्टर से मोदीनगर के अपने गांव अतरौली जाएंगे। प्रशासन की ओर से एनओसी ना मिलने के चलते उनका सपना पूरा नहीं हो सका। इतना ही नहीं एजेंट के पास उनका साढे चार लाख रुपए भी फंस गए। जो उन्होंने हेलीकॉप्टर की एनओसी के लिए दिए थे।
एजेंट नहीं दे रहा साढ़े चार लाख
नरेंद्र कुमार ने बताया है कि हेलिकॉप्टर बुक करने के बाद प्रशासन से उड़ान और लैंडिंग की एनओसी लेने के लिए एक एजेंट को 4.5 लाख रुपए एडवांस के रूप में दिए थे। वो एनओसी नहीं दिला पाया और रुपए भी वापस नहीं कर रहा। नरेंद्र को गाजियाबाद कविनगर रामलीला ग्राउंड से उड़ान भरनी थी लेकिन ट्रैफिक पुलिस ने एनओसी नहीं दी। गांव में भी हेलीपेड बनाया गया था, इस पर भी उन्होंने 25 हजार खर्च किए थे।
पत्नी के कहने पर किया हेलीकॉप्टर बुक
नरेंद्र ने बताया कि 33 साल तक नौकरी के बाद 31 अगस्त को निगम से पंप ऑपरेटर के पद से रिटायर हुए। उनकी पत्नी ने उनसे अपने जीवन के इस पल को यादगार बनाने की मांग करते हुए हेलिकॉप्टर से घर आने को कहा। इस पर उन्होंने हेलिकॉप्टर बुक कर लिया। हालांकि उनका सपना सच ना हो सका।
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राजस्थान में टीचर हेलीकॉरप्टर से पहुंचा
नरेंद्र कुमार की तरह की ही एक ख्वाहिश राजस्थान के अलवर में भी देखने को मिली। जिले के लक्ष्मणगढ़ के मलावली गांव के अध्यापक रमेश चंद मीणा ने 31 अगस्त को अपने रिटायरमेंट के बाद घर जाने के लिए हेलिकॉप्टर बुक कराया और गांव पहुंचे। मीणा ने स्कूल से करीब 22 किमी दूर स्थित अपने गांव तक जाने के लिए हेलिकॉप्टर बुक किया। मीणा को कलेक्ट्रेट सहित सभी जरूरी विभागों से अनुमति भी मिल गई।