अमेरिकी नेता की चीन को दो टूक, कहा तिब्बत की आजादी का समर्थन करता है अमेरिका
अमेरिकी नेता नैंसी पेलोसी ने कहा अमेरिकी नागरिक आंख बंद की चीन की तिब्बत पर उसकी सोच का समर्थन नहीं करेंगे। चीन को दी मानवाधिकार का सम्मान करने की सलाह।
धर्मशाला। अमेरिकी प्रतिनिधसभा में डेमोक्रेट लीडर नैंसी पेलोसी ने गुरुवार को चीन को तिब्बत के मुद्दे पर दो टूक जवाब दिया है। नैंसी ने चीन को साफ कर दिया है कि चीन यह समझ ले कि अमेरिका और उसके लोग उसकी तिब्बत के प्रति चीन की सोच का आंख बंद करके सर्मथन नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने चीन को मानवाधिकारों का सम्मान करने की सलाह दी। उन्होंने तिब्बतियों के लिए अमेरिका का सर्मथन जारी रखने का भी भरोसा दिलाया।
चीन करे मानवाधिकारों का सम्मान
नैंसी ने यह बात धर्मशाला से कुछ ही दूर मैकलोडगंज में प्रमुख दलाई लामा मंदिर में उनके सम्मान में आयोजित समारोह में कही। नैंसी ने कहा, 'चीन यह भूल जाये कि तिब्बत का अंदोलन कमजोर होगा। मेरा अटल विश्वास है कि दलाई लामा 130 वर्ष तक जिंदा रहेंगे। लेकिन चीन जरूर आने वाले समय में कमजोर होगा।' नैंसी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने दलाई लामा से मुलाकात की और उन्हें तिब्बत के ताजा हालातों की जानकारी मिली है। नैंसी के मुताबिक उन्होंने दलाई लामा को भरोसा दिलाया है कि अमेरिका तिब्बत के साथ खड़ा है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में चीन को कहा कि वह अपनी हरकतों से बाज आये। चीन, तिब्बत में तिब्बतियों पर जुल्म ढा रहा है। उनके मौलिक अधिकार छीने जा रहे हैं। तरह- तरह की यातनायें दी जा रही हैं। चीन इस तरह से मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने यहां जुटे तिब्बतियों को आश्वासन दिया है कि अमेरिका इस मामले को बिल्कुल नजरअंदाज नहीं करेगा। उन्होंने चीन से मांग की कि वह दुनिया भर के नेताओं को तिब्बत के अंदर जाने की मंजूरी दे जिससे कि वहां के हालातों के बारे में जानकारी मिल सके।
जारी रहेगी तिब्बत की आजादी की मांग
तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री लोबसंग सांगये ने नैंसी पेलोसी के नेतृत्व में यहां पहुंचे अमेरिकी प्रतिनिधमंडल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि दलाई लामा के दिखाये मार्ग पर तिब्बत के लोग अपनी आजादी के अंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं। हालांकि चीन हमारे मानवाधिकारों का हनन कर रहा है। तिब्बत पर नियंत्रण कर तिब्बत के लोगों पर जुल्म ढाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधमंडल का धर्मशाला आना महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। अब चीन को भी समझ लेना चाहिये कि अब उसके कहने पर ही सबकुछ नहीं होगा। सांगये ने नैंसी पेलोसी हौसले व जज्बे को सलाम किया तो वहीं नैंसी ने चीनी नेताओं के मुंह पर दलाई लामा की सराहना की थी। सांगये ने कहा कि आज वहां मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। तिब्बत के अंदर जाने की किसी को भी अनुमति नहीं है। अब तक करीब 147 तिब्बती चीनी सैनिकों की यातनाओं से तंग होकर आत्मदाह कर चुके हैं। चीन सुनियोजित तरीके से तिब्बत में हन चीनियों को बसा रहा है, ताकि तिब्बतीयों का प्रभाव कम हो सके। इससे तिब्बत की संस्कृति खतरे में पड़ गई है। चीन पूरा प्रयास कर रहा है कि तिब्बत का अस्तित्व मिट जाये।
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