US Capitol Violence: अमेरिकी हिंसा में अंधभक्तों की फौज से सबक लेने की जरूरत: कुमार विश्वास
US Capitol Violence: दुनिया के सबसे ताकतवर और सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका में जिस तरह से हिंसा हुई, उसके बाद पूरी दुनिया में इसकी निंदा हो रही है। अमेरिका के लोकतांत्रिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब चुनाव संपन्न होने के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन की जीत पर मुहर लगाने के लिए संसद का संयुक्त सत्र बुलाया गया तो ट्रंप समर्थकों ने धावा बोल दिया। ट्रंप समर्थक परिसर के भीतर घुस गए और तोड़फोड़ व गोलीबारी की। घटना में पुलिस समेत चार लोगों की मौत हो गई और 14 पुलिस अधिकारी घायल हो गए। इस घटना की निंदा करते हुए कुमार विश्वास ने अंधभक्तों पर तीखा हमला बोला है।
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अमेरिका में हुई हिंसा पर गुस्सा जाहिर करते हुए कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट करके लिखा, वर्चस्ववादी,आत्ममुग्ध और "बस मैं ही मैं" गाने-कहने-जीने वाले नायकों के अंधे तर्कशून्य अनुयायी,किसी उन्नततम देश तक को किस गर्त में ले जा सकते हैं #USCapitol इसका ताज़ा सबूत है। विश्वभर के देशों,सभ्य नागरिकों को इस घटना,इसके नमूने-नियामक व उसके अंधभक्तों की फ़ौज से सबक़ लेना होगा। बता दें कि अमेरिकी चुनाव में हार के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप वोटों की काउंटिंग पर सवाल खड़े करते आ रहे हैं।
बता दें कि घटना से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने एक वीडियो संदेश जारी करके अपने समर्थकों से कैपिटल की ओर जाने का आह्वान किया था। हालांकि बाद में उन्होंने कानून का पालन करने की भी अपील की थी। उन्होंने कहा था कि यह धोखाधड़ी वाला चुनाव था, हमे इन लोगों के जाल में नहीं फंसना है, हमे शांति चाहिए और हमे वापस अपने घर लौट जाना चाहिए। वहीं घटना के बाद अमेरिका के भावी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि यह सब अमेरिका में देखकर दुख हो रहा है। यह लोकतंत्र पर हमला है, यह राजद्रोह है, इसे विरोध नहीं कहा जा सकता है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस घटना के लिए डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया।