लोनी घटना पर ट्विटर इंडिया के एमडी को मिला नोटिस, 7 दिन के भीतर पुलिस स्टेशन में आकर दर्ज कराएं बयान
नई दिल्ली, 18 जून। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित लोनी में मुस्लिम बुजुर्ग के साथ मारपीट का वीडियो सामने आने के बाद से ही यह मामला सुर्खियों में हैं। कई दिग्गज नेताओं और चर्चित हस्तियों ने इस वीडियो को साझा करते हुए इस मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी थी,जिसकी वजह से यह घटना चर्चा में है। आरोप था कि यह सांप्रदायिक मामला है लेकिन जिस तरह से खुद बुजुर्ग व्यक्ति ने इस बात से इनकार किया उसके बाद यूपी पुलिस एक्शन में है। यूपी पुलिस ने ट्विटर के खिलाफ भी कार्रवाई करने मन बना लिया है। फर्जी वीडियो को रोकने में विफल रहने के चलते यूपी पुलिस ने ट्विटर इंडिया को नोटिस भेजा है।
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सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए शेयर किया गया वीडियो
गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर इंडिया के एमडी को लोनी मामले में वायरस वीडियो को लेकर लीगल नोटिस भेजा है। साथ ही एमडी से कहा गया है कि वह लोनी बॉर्डर पुलिस स्टेशन में सात दिन के भीतर अपना बयान दर्ज कराएं। बता दें कि ट्विटर पर लोनी की घटना का जो वीडियो वायरल हुआ है उसको लेकर आरोप है कि लोगों ने इस वीडियो को सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के इरादे से शेयर किया है और ट्विटर इंडिया पर आरोप है कि वह इस वीडियो को रोकने में विफल रहा है, जिसके चलते गाजियाबाद पुलिस ने यह नोटिस जारी किया है।
पुलिस स्टेशन आकर बयान दर्ज कराएं
नोटिस में कहा गया है कि ट्विटर का इस्तेमाल करके समाज में घृणा और विद्वेश फैलाने के लिए इस वीडियो को शेयर किया गया और ट्विटर ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की। देश प्रदेश के विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता बढ़ाने और सौहार्द को प्रभावित करने वाले कार्य और लेख को बढ़ावा दिया गया, ऐसे समाज विरोधी संदेश को लगातार वायरल होने दिया गया। इस मामले में हम जांच कर रहे हैं, लिहाजा आपका भी बयान लिया जाना आवश्यक है। ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी को कहा गया है कि वह सात दिन के भीतर लोनी बॉर्डर पुलिस स्टेशन आकर अपना बयान दर्ज कराएं।
क्या कहना है पुलिस का
उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार गाजियाबाद के लोनी में मुस्लिम बुजुर्ग व्यक्ति को बुरी तरह से पीटा गया, लेकिन इस पिटाई के वीडियो को गलत जानकारी क साथ लोगों के बीच साझा किया गया। पुलिस का कहना है कि ट्विटर को इस वीडियो की सत्यता की जांच करनी चाहिए थी और इसके बाद जिन लोगों ने गलत जानकारी साझा की उन्हें चेतावनी देने के साथ इस तरह की पोस्ट को डिलीट करना चाहिए था। लेकिन ट्विटर की ओर से ऐसा नहीं किया गया। इस पूरे मामले की बात करें तो पुलिस का कहना है कि पीड़ित अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करता है, आरोपियों का कहना है कि उसकी बनाई ताबीज काम नहीं कर रही, यही वजह है कि लोगों ने बुजुर्ग की पिटाई कर दी और उसकी दाढ़ी काट दी। लेकिन इस घटना को सांप्रदायिक रंग देकर साझा किया गया। इस मामले में स्वरा भाष्कर के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है, जिन्होंने इस वीडियो को शेयर किया था।