केंद्रीय मंत्री वीके सिंह बोले-जो आंदोलन कर रहे हैं वो किसान तो नहीं दिखते
नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के आस-पास के कई बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने किसानों के लेकर विवादित बयान दिया है। वीके सिंह ने कहा कि तस्वीरों में कई लोग किसान नहीं दिखते.. किसानों के हित में जो था वो किया गया है। यह किसान नहीं है। वीके सिंह के बयान पर विपक्षी दलों ने निशाना साधा है। आम आदमी पार्टी ने पूछा कि क्या उन्हें किसानों की तरह दिखने के लिए हल और बैलों के साथ आने की ज़रूरत है।
किसानों के प्रदर्शन को लेकर वीके सिंह ने कहा कि जिनको कोई मतलब नहीं है, बहुत से लोग जब मैं फोटो देखता हूं तो उनमें किसान दिखाई नहीं देते हैं। बहुत कम किसान दिखाई देते हैं। जो चीज किसानों के हित में है वह की गई है। उन्होंने कहा कि, किसान को स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह किसी का बंधुआ ना रहे। यह काम सरकार ने कर दिया कि मंडी में बेचना चाहते हो तो बेचो और अगर बाहर बेचना चाहते हैं तो भी वे बेच सकते हैं। इसमें किसान को नहीं बाकी लोगों को तकलीफ हो रही है। इसमें विपक्ष के साथ-साथ उन लोगों का हाथ है जो कमिशन खाते हैं।
वीके सिंह के आलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय सहित कई भाजपा नेता किसानों के लेकर आधारहीन टिप्पणियां कर चुके हैं। सोमवार को अमित मालवीय ने किसान आंदोलन में खालिस्तान और माओवादी की संलिप्ता का दावा किया था। अब वीके सिंह के बयान पर आम आदमी पार्टी ने ट्वीट कर पूछा कि, क्या उन्हें किसानों की तरह दिखने के लिए हल और बैलों के साथ आने की ज़रूरत है?
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वहीं दूसरी ओर आज किसानों के 35 प्रतिनिधियों से केंद्रीय मंत्रियों की ताजा बातचीत बेनतीजा रही है। दिल्ली में विज्ञान भवन में 3 घंटे से ज्यादा वक्त तक चली बैठक में बात नहीं बनी। हालांकि, सरकार और किसान दोनों ने ही बातचीत को अच्छी बताया है। अब 3 दिसंबर को अगले चरण की बातचीत होगी। केंद्र ने नए कृषि कानूनों पर विचार के लिए किसान संगठनों, कृषि विशेषज्ञों और सरकार के प्रतिनिधियों की एक समिति बनाने का प्रस्ताव दिया है।
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