SAWEN का हिस्सा बनेगा भारत, कैबिनेट ने दी मंजूरी
नयी दिल्ली। भारत अब साउथ एशिया वन जीवन प्रवर्तन नेटवर्क का हिस्सा बनने का तैयार है। कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। भारत सरकार ने एसएडब्ल्यूईएन के विधान का अनुपालन करने और इसके औपचारिक सदस्य बनने के प्रस्ताव स्वीकार कर दिया है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
एसएडब्ल्यूईएन के सदस्य बनने के बाद संचार, समन्वय, गठबंधन, क्षमता निर्माण एवं क्षेत्र में सहयोग के जरिए अंतः सीमा वन जीवन अपराध को नियंत्रित करने के लिए भारत के सदस्य देशों के साथ रिश्ते मजबूत होंगे।
इस नेटवर्क में और कौन-कौन से देश?
एसएडब्ल्यूईएन में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका से निर्मित एक क्षेत्रीय नेटवर्क है। इसका मकसद अवैध व्यापार का मुकाबला करने के लिए एक समुचित वन जीवन अपराधों से निपटने के लिए एक मजबूत क्षेत्रीय अंतः सरकारी निकाय के रूप में काम करना है।
कैसे उठाए जाएंगे कदम
- SAWEN सदस्य देशों के वनस्पतियों एवं जीव-जन्तुओं के संरक्षण से संबंधित कानूनों एवं नीतियों में समन्वय लाने एवं मानकीकरण के लिए कदम उठाना।
- अवैध शिकार और अवैध व्यापार को रोकना।
- सदस्य देशों के प्राकृतिक जैव-विविधता पर संबंधित खतरों के रूझान का दस्तावेज बनाना।
- अनुसंधान एवं सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने, प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण, तकनीकी सहायता को मजबूत बनाना।
- सदस्य देशों को वन-जीवन अपराधों पर अंकुश लगाना।