Covid-19 का UK में मिला वेरिएंट भारत में फैल रहे स्ट्रेन से ज्यादा खतरनाक नहीं- रिपोर्ट
नई दिल्ली। पूरी दुनिया ब्रिटेन में पाए गए कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर डरी और सशंकित है लेकिन आप ये जानकार हैरान हो जाएंगे कि भारत में कोरोना वायरस का जो वेरिएंट अब तक प्रमुख रूप से संक्रमण फैला रहा है वह ब्रिटेन के वेरिएंट से कम खतरनाक नहीं है। पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में ये बताया है।
Recommended Video
यह अध्ययन प्रयोगशाला में चूहों के ऊपर परीक्षण करके किया गया था और औपचारिक रूप से इसकी समीक्षा की जानी बाकी है।
क्या
मिला
अध्ययन
में
?
यह
देखने
के
लिए
नया
स्ट्रेन
कितना
तेजी
से
फैलता
है
एनआईवी
के
वैज्ञानिकों
को
9
चूहों
को
दो
समूहों
में
करके
संक्रमित
किया।
इसमें
से
एक
समूह
को
B.1.1.7.
का
संक्रमण
दिया
गया
और
दूसरे
समूह
को
भारत
में
प्रमुख
रूप
से
फैल
रहा
सार्स-सीओवी-2
स्ट्रेन
दिया
गया।
इसके
बाद
इन
चूहों
को
छोटे-छोटे
समूहों
में
विभाजित
किया
गया
और
इन्हें
नए
चूहों
के
साथ
यह
देखने
के
लिए
रखा
गया
कि
यह
संक्रमण
कितना
तेजी
से
फैल
रहा
है।
अध्ययन में कहा गया कि संक्रमित दोनों वेरिएंट से संक्रमित चूहों के वजन घटने और वायरल शेडिंग पैटर्न को बारीकी से देखने पर कोई सांख्यिकीय अंतर दिखाई नहीं दिया है। इसके साथ ही दोनों वेरिएंट के संक्रमण में भी कोई विशेष अंतर नहीं दिखाई दिया है।
ब्रिटेन
में
मिला
था
नया
वेरिएंट
ब्रिटेन
में
वैज्ञानिकों
ने
कोरोना
वायरस
में
म्यूटेशन
का
पता
लगाया
था
जिसे
बी
1.1.7
वेरिएंट
के
नाम
से
पहचाना
गया
था।
पिछले
साल
दिसम्बर
में
ब्रिटेन
में
कोरोना
वायरस
के
केस
में
अचानक
से
तेजी
सामने
आई
थी
जिसके
लिए
इसी
वेरिएंट
को
जिम्मेदार
ठहराया
गया
था।
वैज्ञानिकों
ने
वर्तमान
में
दी
जा
रही
कुछ
वैक्सीन
को
इस
वेरिएंट
के
असर
को
कम
करने
में
प्रभावी
पाया
था।
भारत में अब तक दुनिया भर में मिले नए वेरिएंट के 771 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 736 संक्रमण के मामले ब्रिटेन में पाए गए B.1.1.7. वेरिएंट के हैं।
पंजाब में स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि हाल ही मिले कोरोना वायरस के सकारात्मक नमूनो में 80 प्रतिशत B.1.1.7. वेरिएंट के प्रकार के थे इसलिए शायद यह राज्य में तेजी से फैलाव की वजह बना है।
Covid-19: होली पर दिल्ली में कोरोना का कहर, दो दिन में दूसरी बार टूटा 3 महीने का रिकॉर्ड