किसान आंदोलन पर बनाए गए इन 2 पंजाबी गानों को ट्विटर के बाद YouTube से भी हटाया गया, सरकार ने की थी शिकायत
किसान आंदोलन पर बनाए गए इन दो गानों को ट्विटर के बाद YouTube से भी हटाया गया, सरकार ने की थी शिकायत
Farmers Protest update News: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 73वें दिन भी जारी है। किसान आंदोलन का मुद्दा अब ग्लोबल हो चुका है। विदेशी हस्तियां भी किसानों के समर्थन में अपनी बात रख रहे हैं। इधर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसान आंदोलन के खिलाफ चलाए जा रहे है एजेंडा पर लगाम लगना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में किसान आंदोलन पर बनाए गए दो पंजाबी गानों को केंद्र सरकार की शिकायत के बाद ट्विटर और यूट्यूब दोनों जगह से हटा दिया गया है। हाल ही में किसान आंदोलन पर बनाए गए पंजाबी सिंगर हिम्मत संधू का गाना '' 'Asi Vaddange'' और पंजाबी गायक कंवर ग्रेवाल एक ट्रैक 'ऐलान' को भारत सरकार द्वारा वीडियो के खिलाफ कानूनी शिकायत दर्ज किए जाने के बाद YouTube से हटा दिया गया है। इससे पहले दोनों गानों को ट्विटर से भी हटाया जा चुका है।
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मशहूर पंजाबी सिंगर हिम्मत संधू ने ये गाना चार महीने पहले किसानों के आंदोलन के समर्थन में जारी किया था। 13 मिलियन व्यूज पाने वाले इस गाने में किसानों के खिलाफ सरकार की क्रूरता को दर्शाया गया था और अपने वफादारों को खेतों में प्रवेश नहीं करने की चेतावनी दी गई थी।
वहीं कंवर ग्रेवाल का गाना 'ऐलान' किसान आंदोलन की एक आवाज बन गई। गाने का मैसेज था कि फसलों के बारे में निर्णय किसानों को लेना चाहिए और किसी को नहीं। गाने को जब यूट्यूब से हटाया गया तो गाने पर एक करोड़ व्यूज थे।
कंवर ग्रेवाल ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, ''किसान आंदोलन हमारे लिए एक बड़ा मुद्दा है। हम सभी मिट्टी से जुड़े हुए हैं,"
को बताया, "हम सब मिट्टी से जुड़े हुए हैं," किसान विरोध प्रदर्शन के गीत "ऐलान" के पीछे की आवाज गायक कानवार ग्रेवाल ने कहा, "हम सब मिट्टी से जुड़े हुए हैं।"
खबरों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने इन दोनों विरोधी गानों के खिलाफ कानूनी शिकायतें दर्ज की हैं। उनका कहना है कि ये दोनों गाने सोशल मीडिया पर गलत मैसेज के साथ शेयर किए जा रहे थे और विभिन्न किसानों के विरोध स्थलों पर इसे बजाया जा रहा था।
यूट्यूब से गानों को डिलीट करने पर प्रतिक्रिया देते हुए, बीकेयू एकता उर्गान के राज्य सचिव शिंगारा सिंह मान ने कहा कि सरकार इन्हें यूट्यूब से हटा सकती है, लेकिन यह इन गीतों को लोगों के दिलों से नहीं मिटा सकती है। ये दोनों गाने एक तरह से किसान आंदोलन की पहचान और आवाज बन गई थी।