लटका तीन तलाक बिल, राज्यसभा-लोकसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित
राज्यसभा में एनडीए के पास संख्या बल कम होने के चलते इस बिल के इसी सत्र में पास होने के आसार कम ही थे।
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र आज खत्म हो गया और इसी के साथ बजट सत्र तक तीन तलाक बिल भी अटक गया। राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर सहमति नहीं बन पाई। तीन तलाक बिल को लेकर शुक्रवार को भी राज्यसभा में हंगामा हुआ। कांग्रेस का कहना है कि वो महिला सशक्तिकरण के लिए इस बिल के पक्ष में है, लेकिन सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए उसने कहा कि इस बिल को संशोधन के लिए सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए। राज्यसभा में एनडीए के पास संख्या बल कम होने के चलते इस बिल के इसी सत्र में पास होने के आसार कम ही थे।
इससे पहले गुरुवार को तीन तलाक से जुड़े बिल 'मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक-2017' को सेलेक्ट कमेटी में भेजे जाने पर चर्चा हुई। कांग्रेस नेता और सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बिल सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए। आजाद ने कहा कि तलाकशुदा के लिए कानून बने और पति को जेल भेजने का प्रावधान गलत है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार यह कहे कि पति को जले जाने पर वो परिवार को खर्च देगी तो समर्थन मिल सकता है। वहीं, सत्ता पक्ष के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह प्रस्ताव बिल पेश किए जाने के 24 घंटे पहले लाया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि विधेयक में जमानत का प्रावधान है। जेटली ने कहा कि बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजे जाने की आवश्यकता नहीं है।
डेरेक-ईरानी में नोंक झोंक
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी में नोकझोंक भी हो गई। राज्यसभा में डेरेक ने कहा कि यह स्पष्ट है कि विपक्ष चाहता है कि महिला सशक्तिकरण हो लेकिन सरकार का स्टैंड एक्सपोज हो गया। इस पर ईरानी ने जवाब दिया कि वास्तव में ऐसा नहीं है कि अगर आप वाकई चाहते हैं कि महिला सशक्तीकरण हो तो अभी चर्चा करिए। ईरानी ने कहा कि पिछले 2 दिनों से विपक्ष ने खुद को राज्य सभा में एक्सपोज किया है। कांग्रेस और विपक्षी दल चर्चा से दूर क्यों भाग रहे हैं?