Third Monday of Sawan 2021: महाकलेश्वर मंदिर में हुई 'भस्म आरती', शिवालयों में लगे हर-हर-महादेव के जयकारे
नई दिल्ली, 09 अगस्त । आज शिव के प्रिय महीने सावन का तीसरा सोमवार है। सावन के हर सोमवार की तरह आज का सोमवार भी काफी खास है। आज का दिन कष्टों से मुक्ति दिलाने वाला है । आज के दिन जो भी भक्त प्रभु की पूजा पूरी श्रद्दा के साथ करता है, वो सेहतमंद रहता है। आज का सोमवार सुख-खुशी और आर्थिक वैभव प्रदान करने वाला है। अगर आज शिवभक्त भोलेनाथ की भांग, धतूरा और शहद से पूजा करें, तो उन्हें शक्ति, स्वास्थ्य और हर तरह का सुख प्राप्त होगा।
Recommended Video
शिवपुराण और शिव चालीसा का पाठ
सुबह से भक्तों की भीड़ शिवालयों के सामने देखी जा रही है। हालांकि कोविड की वजह से भीड़ थोड़ी कम है लेकिन फिर भी आज मंदिरों में हर-हर महादेव की गूंज है। आपको बता दें कि सावन के प्रत्येक सोमवार पर शिवपुराण और शिव चालीसा का पाठ करना भी श्रेयस्कर होता है। इससे इंसान के मार्ग की सारी रूकावटें दूर हो जाती हैं। जो लोग आज उपवास रखते हैं,उन्हें तो आज के दिन जरूर शिवपुराण और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए, ऐसा करने से उनकी हर इच्छा पूरी होती है।
यह पढ़ें: Sawan 2021: आज से प्रारंभ संकट सोमवार व्रत, जानिए सोलह सोमवार व्रत कथा
महाकाल मंदिर में हुई 'भस्म आरती'
सावन के तीसरे सोमवार में उज्जैन के महाकाल मंदिर में खास भस्म आरती भी हुई, इस आरती के पीछे कारण ये माना जाता है कि इंसान मृत्यु के बाद भस्म यानी राख में मिल जाता है और भस्म के जरिए वो शिव से जुड़ा रह सकता है, राख को हमेशा पवित्र माना जाता है इसलिए भस्म की आरती के बाद यहां पर लोग राखी का टीका लगाते हैं।
इन मंत्रों से कीजिए शिव को प्रसन्न
- ऊँ महाशिवाय सोमाय नम:।
- 'ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नमः ॐ' ॐ ब्रह्म ज्ज्ञानप्रथमं पुरस्ताद्विसीमतः सुरुचो वेन आवः|
- स बुध्न्या उपमा अस्य विष्ठाः सतश्च योनिमसतश्च विवः||
- नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वरायनित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:॥
- मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वरायमंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:॥
- शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय|
- श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:॥
- अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्। अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।।