इन पत्रकारों को भी लंकेश की तरह ही मारी गई थी गोली
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पत्रकार की हत्या को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है
नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरू के राजाराजेश्वरी नगर स्थित उनके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक लंकेश को नजदीक से तीन गोलियां मारी गई है। उन्होंने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पत्रकार की हत्या को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। देश में पत्रकारों की निर्मम हत्या का कोई ये पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई पत्रकारों की हत्या हुई है।
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या
पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को रेप केस में दोषी करार दिया है। साल 2002 में इस रेप केस की जानकारी पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने पहली बार दी थी। रामचंद्र छत्रपति सिरसा के सांध्य दैनिक 'पूरा सच' के संपादक थे। साध्वी के साथ हुए कथित रेप की खबर प्रकाशित करने के कुछ महीने बाद ही छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
बिहार के ये पत्रकार भी हुए थे गोली के शिकार
बिहार के सीवान में एक हिन्दी दैनिक के वरिष्ठ पत्रकार राजदेव रंजन की रेलवे स्टेशन के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसकी जांच अभी भी चल रही है इस मामले में आरेजडी के नेता और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन आरोपी हैं। राजदेव रंजन इलाके के अपराधियों और दबंगों के खिलाफ काफी लंबे समय से लिख रहे थे। इस हत्याकांड ने बिहार के पत्रकारों को आक्रोशित कर दिया और विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया था।
मध्यप्रदेश में भी हुई है पत्रकारों की हत्या
मध्य प्रदेश के मंदसौर के पिपलीयामण्डी में इसी साल 31 मई स्थानीय पत्रकार कमलेश जैन की गोली मारकर हत्या की गई थी। जिसकी जांच अभी भी चल रही है। 31 मई की शाम साढ़े सात बजे के लगभग बाईक पर सवार होकर आए दो अज्ञात बदमाशों ने स्थानीय पत्रकार कमलेश जैन की उन्ही के ऑफिस में गोली मारकर हत्या कर दी थी।