अयोध्या अब टूरिस्ट हब बनेगी.......स्थानीय लोगों की इस सोच के पीछे है बड़ी वजह
नई दिल्ली- यह बहुत बड़े संयोग की बात है कि राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट ने जिस वक्त ऐतिहासिक फैसला सुनाया, उस वक्त राम लला की नगरी कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर एक लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के स्वागत की तैयारियों में जुटी रही। यह धरती है ही इतनी पावन कि यहां साल भर श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों का तांता लगा ही रहता है। अयोध्या जिला प्रशासन के मुताबिक अभी टेंट में मौजूद राम लला के दर्शन के लिए रोजाना औसतन 7 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैं। अब आपके लिए भी यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि जब जन्मभूमि का विवाद मिट चुका है और भव्य मंदिर बनाने की तैयारी हो रही है, तब आने वाले वक्त में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की तादाद कितनी बढ़ने वाली है। यही वजह है कि स्थानीय प्रशासन से लेकर व्यापारी तक को पूरा विश्वास है कि अब उनकी अयोध्या नगरी देश की एक बहुत बड़ी टूरिस्ट हब के रूप में उभरने जा रही है।
'ये अयोध्या के स्वर्णकाल की शुरुआत है'
मौजूदा समय में साल में देश के विभिन्न भागों से 30 लाख और रोजाना 7 हजार से ज्यादा राम लला के दर्शन करने के लिए आते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जब यहां भव्य राम मंदिर बनकर तैयार होगा, तब ऐसे तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी इजाफा होना तय है। इस पवित्र स्थान से जो 'विवादित' शब्द जुड़ गया था, वह दोष भी अब मिट चुका है। इसलिए अयोध्या के लोगों को पूरा विश्वास है कि उनकी प्राचीन नगरी पर्यटकों के लिए एक नए आकर्षण का केंद्र बनने वाली है। अयोध्या के लोग आने वाले समय यहां प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ने और कारोबार की संभावनाओं में इजाफे की उम्मीदों से उत्साहित लग रहे हैं। हनुमानगढ़ी चौराहे पर एक दुकान चलाने वाले एक ऐसे ही अयोध्या निवासी गिरिश क्षेत्रपाल ने ईटी से कहा, 'राम मंदिर के निर्माण का मतलब है कारोबार में बढ़ोतरी, खासकर होटलों का। हमें लगता है कि बाजार में हमारी प्रॉपर्टी के मूल्यों में वृद्धि होगी।' शहर में बिड़ला धर्मशाला का प्रबंधन देखने वाले पवन सिंह के मुताबिक, ये अयोध्या के स्वर्णकाल की शुरुआत है। उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शहर में आने वाले पर्यटकों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी।'
एयरपोर्ट के विकास के लिए 400 करोड़ रुपये का फंड
जो बात अयोध्या के आम लोग और वहां के कारोबारी सोच रहे हैं, उसी तरह के भरोसे की झलक जिला प्रशासन की बातों में भी नजर आ रही है। अयोध्या के डीएम अनुज झा ने भी कहा है कि 'अयोध्या में एक बहुत बड़े पर्यटन स्थल बनने की पूरी क्षमता है।' उन्होंने ये भी जानकारी दी है कि ' यहां एयरपोर्ट के विकास के लिए जिला प्रशासन को पहले ही करीब 400 करोड़ रुपये का फंड मिल चुका है। हम इसके लिए जमीन अधिग्रहण करने की प्रक्रिया में हैं।' उन्होंने ये भी बताया है कि बाईपास के पास मौजूद हवाई पट्टी को पूर्ण एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके कारण पूरे देश के साथ अयोध्या की एयर कनेक्टिवी स्थापित हो सकेगी और श्रद्धालुओं और सैलानियों को यहां पहुंचना और भी आसान हो जाएगा।
एक नई अयोध्या विकसित करने की तैयारी
बता दें कि राम नगरी प्रोजेक्ट के तहत सरकार की यहां सरयू नदी के किनारे भगवान राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित करने की योजना है। इसके लिए वह 500 करोड़ रुपये मंजूर भी कर चुकी है। जानकारी के मुताबिक उन क्षेत्रों की पहचान की भी कोशिश हो रही है, जहां दूसरे राज्यों को उनके प्रदेशो से आने वाले सैलानियों के मद्देनजर खास स्थान विकसित करने के लिए आमंत्रित किया जा सके। यूपी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 'एक नई अयोध्या विकसित करने की योजना है, क्योंकि भगवान राम के जन्मस्थान होने की वजह से यहां पर लोगों की आस्था है।'
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