चुनाव से पहले प्रत्याशी ने वोटरों को बांटे 'सोने के सिक्के', निकले नकली, आई शामत
चेन्नई। दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में वोटरों को लुभाने के लिए एक प्रत्याशी ने सोने के सिक्के बांटे। उसने वोटरों से कहा कि, पार्षद के चुनाव में अब हमें ही वोट देना। सोने के सिक्के लेने वाले बहुत खुश हुए, लेकिन बाद में उन्हें जब सोने के नकली होने की सच्चाई पता चली उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।
तमिलनाडु का मामला
यह मामला फिर मीडिया और सोशल मीडिया में आ गया। प्रत्याशी से सोने का सिक्का लेने वाली एक महिला ने कहा कि, हमें अपने वोट के बदले नोट की भावना से ठगा गया है। हमारे यहां चुनाव के मतदान से पहले लोगों को रुपए या उपहार देने की परंपरा बन गई है..और ऐसा करके कई राजनीतिक दलों के प्रत्याशी, चुनाव आयोग के फरमान को धका बता देते हैं। वे वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए गिफ्ट देते हैं। अभी हमारे यहां अंबुर में पार्षद का चुनाव होना था, तो एक निर्दलीय प्रत्याशी ने पीले सिक्के बांटे, और कहा कि, ये सोना है। जांच कराने पर बाद में पता चला कि वो सोने के नहीं, तांबे के सिक्के थे।
वोटरों को बांटे नकली सोने के सिक्के
वोटरों के बीच बांटे गए नकली सोने के सिक्के के बारे में एक बुजुर्ग ने भी बात की। उन्होंने कहा कि, यहां पार्षद पद के लिए अंबुर के 36वें वार्ड से निर्दलीय प्रत्याशी मणिमेगालाई दुरईपंडी ने चुनाव लड़ा था। दुरईपंडी ने 19 फरवरी को नारियल के पेड़ के चिन्ह पर वोट डालने का अनुरोध किया था। उसने अपना प्रचार करते हुए 18 फरवरी की रात को वोटरों को सिक्के बांटे। उस दौरान वह अपने पति के साथ मतदाताओं के पास पहुंची।
निर्दलीय प्रत्याशी ने किया फर्जीवाड़ा
मतदाताओं से दुरईपंडी बोली कि, सोने के सिक्के दे रही हूं, मुझे ही वोट देना। यह बात बहुत से मतदाताओं ने मान ली। मगर, जब कुछ को उन सिक्कों की सच्चाई पता चली उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। हालांकि, खबर लिखे जाने तक इस मामले में किसी ने पुलिस में शिकायत नहीं की। बताया जा रहा है कि, मणिमगलाई दुरईपंडी ने एक महिला को बताया था कि उसने 20 लाख रुपये में अपने घर पर गिरवी रखा और सोने के सिक्के खरीदे। उसके बाद वोटरों से खुद को वोट देने की रिक्वेस्ट की। उसने कहा कि, इससे इलाके के लोगों ने उसे वोट दिया। मगर..अब वह अपने फैसले पर पछता रही है।
वोटिंग से पहले बांटे थे ये सिक्के
कुछ मतदाताओं ने कहा कि, दुरईपंडी ने हर परिवार को एक छोटे से बॉक्स के अंदर एक सिक्का दिया था और मतगणना की तारीख तक उस बॉक्स को नहीं खोलने का अनुरोध किया था।
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जानकर चौंक गए कि, तांबे के सिक्के हैं
उसने मतदाताओं से कहा था कि, अगर वे मतदान के 3 दिनों के भीतर सिक्के का इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं, तो राज्य चुनाव आयोग को इसका पता चल जाएगा और वे इसे जब्त कर लेंगे। हालांकि, कुछ मतदाताओं ने सिक्कों को गिरवी रखने की कोशिश की और फिर वे यह जानकर चौंक गए कि, सिक्के सोने के नहीं बल्कि तांबे के हैं।
कैसे
खुली
पोल
एक
मतदाता
ने
कहा
कि,
दुरईपंडी
ने
सोने
की
पतली
परत
से
लिपटे
तांबे
के
सिक्के
बांटे।
ऐसा
ही
एक
सिक्का
लेने
वाली
महिला
ने
कहा
कि,
मणिमगलाई
दुरईपंडी
ने
खुद
मुझे
यह
बात
बताई
कि,
ये
सोने
के
सिक्के
उसने
खरीदे
थे।
हालांकि,
जब
वोटरों
ने
सिक्के
को
ज्वैलरी
की
दुकान
पर
दिखाया,
तो
खुलासा
हुआ
कि
सिक्के
सोने
के
नहीं
हैं।