तमिलनाडु के राज्यपाल की धमकी, मेरा दौरा रोका तो जेल में डाल दूंगा
चेन्नईः तमिलनाडु में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और विपक्षी दलों के बीच काफी समय से विवाद चल रहा है। रविवार को इस विवाद ने नया मोड़ ले लिया। राजभवन की ओर से डीएमके के कार्यवाहक अध्यक्ष एमके स्टालिन समेत कई नेताओं को चेतावनी भरा बयान जारी किया। इस बयान में कहा गया कि राज्यपाल आने वाले समय में ओर भी कई जिलों के दौरे कर सकते हैं।
राजभवन की ओर से जारी किया गया बयान
बयान में कहा गया कि राज्यपाल का कार्यकाल आईपीसी की धारा 124 के तहत आता है। ऐसे में भारत के राष्ट्रपति या किसी भी राज्य के राज्यपाल पर दबाव डालना या दबाव डालने की मंशा से किया गया कार्य करने वालों को सात साल की सजा और जुर्माना भी लगाया जा कता है।
डीएमके नेता स्टालिन ने साधा निशाना
राजभवन की चेतावनी पर डीएमके नेता स्टालिन ने निशाना साधते हुए राज्यपाल पर सीधा राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया और जेल जाने की धमकी का विरोध किया। स्टालिन का कहना था कि 'डीएमके राज्यपाल के सभी दौरों पर काले झंडे दिखाकर अपना विरोध रखेगी। डीएमके, सरकारी विभाग के रिव्यू के लिए राज्यपाल के दौरे के खिलाफ है।' बता दें, शुक्रवार को डीएमके नेताओं ने नामकल्ल में राज्यपाल को काले झंडे दिखाए थे। जिसके बाद कई डीएमके समर्थकों को हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद स्टालिन ने शनिवार को राजभवन की मार्च किया था। सुरक्षाबलों ने स्टालिन के समर्थकों को राज्यपाल के आवास पर पहुंचने से पहले ही रोक दिया था।
तमिलनाडु में राज्यपाल पुरोहित और विपक्षी दलों के बीच कई दिनों से चल रहा है विवाद
राजभवन की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया था कि, 'राज्यपाल एक संवैधानिक पद है। जिसके पास राज्य के किसी भी कोने में जाने का अधिकार है। राज्यपाल किसी भी व्यक्ति या किसी भी अधिकारी से मिल सकता है।' वहीं, स्टालिन ने राजभवन के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्यों में या फिर पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में राज्यपाल रिव्यू के लिए क्यों नहीं जाते हैं। यहां तक कि तमिलनाडु के इतिहास में भी इस तरह का दौरा पहले कभी नहीं हुआ।
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