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आर्मी चीफ जनरल रावत ने तालिबान के साथ वार्ता का किया समर्थन, बोले जम्‍मू कश्‍मीर में वार्ता वाला फॉर्मूला नहीं

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नई दिल्‍ली। इंडियन आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि अगर दूसरे देश तालिबान के साथ वार्ता करना चाहते हैं तो उसे आगे बढ़ाएं लेकिन भारत के अपने हित भी अफगानिस्‍तान से जुड़े हैं। ऐसे में हमें भी इसका हिस्‍सा बनना चाहिए। लेकिन उन्‍होंने यह भी साफ कर दिया कि इस तरह का कदम जम्‍मू कश्‍मीर पर लागू नहीं हो सकता है। न्‍यूज एजेंसी पीटीआई की ओर से इस बात की जानकारी दी गई। जनरल रावत गुरुवार को सालाना प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में बोल रहे थे और यहीं पर उन्‍होंने यह बयान दिया है। इसके साथ ही जनरल रावत ने साफ कर दिया कि सेना में किसी भी तरह से समलैंगिकों को जगह नहीं दी जाएगी।

हमारी शर्तों पर हो वार्ता

हमारी शर्तों पर हो वार्ता

जनरल रावत ने कहा, 'जम्‍मू कश्‍मीर में वार्ता हमारी शर्तों पर होनी चाहिए।' जनरल रावत का बयान राज्‍य के पूर्व मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला की ओर से दिए गए उस बयान क‍े बाद आया है जिसमें उन्‍होंने तालिबान के साथ वार्ता का जिक्र किया था। अब्‍दुल्‍ला के अलावा एक और पूर्व मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती की ओर से भी इसी तरह का बयान दिया गया था। उमर अब्‍दुल्‍ला ने ट्वीट किया था और कहा, 'हम तालिबान के साथ वार्ता की वकालत करते हैं , तिब्‍बत की स्‍वायत्‍ता और श्रीलंका के तमिल इलाकों की आजादी की बात करते हैं लेकिन इसके बाद भी हम जम्‍मू कश्‍मीर में राजनीतिक पहल को लेकर कोई इच्‍छा ही नहीं जाहिर करते हैं।' उमर ने इसके बाद कहा हम तालिबान के साथ वार्ता की बात करते हैं लेकिन कश्‍मीर के लिए ऑपरेशन ऑल आउट का समर्थन करते हैं।

'हम रुढ़‍िवादी हैं, प्‍लीज'

'हम रुढ़‍िवादी हैं, प्‍लीज'

जनरल रावत ने सालाना प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में एक ऐसा बयान दिया है जिस पर विवाद हो सकता है। जनरल रावत ने कहा है कि इंडियन आर्मी रुढ़‍िवादी है और कानून से ऊपर नहीं है। लेकिन सेना में समलैंगिकों के लिए कोई जगह नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया है। सेना प्रमुख ने कहा, 'हम लोगों के यहां ये नहीं चलेगा।' उन्‍होंने इस बात को स्‍वीकार के सेना कानूने से ऊपर तो नहीं है मगर इस बात पर भी राजी हुए कि संविधान इस तरह की स्‍वतंत्रता देता है। जनरल रावत के शब्‍दों में, 'हम न तो आधुनिक हैं और न ही पश्चिमी सभ्‍यता जैसे। एलजीबीटी जैसे इश्‍यू हमें स्‍वीकार नहीं हैं।' सेना प्रमुख ने कहा कि सेना में इस तरह के मुद्दों को आर्मी एक्‍ट के तहत रखकर निबटा जाएगा। आर्मी चीफ ने साफ कर दिया है कि सेना रुढ़‍िवादी है।

कश्‍मीर में स्थिति नियंत्रण में

कश्‍मीर में स्थिति नियंत्रण में

महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'अगर आर्मी चीफ तालिबान के साथ वार्ता की वकालत कर सकते हैं तो फिर यही बात हमारे लोगों के लिए लागू क्‍यों नहीं होती है। पीडीपी की मुखिया महबूबा ने कहा है कि केंद्र सरकार को पाकिस्‍तान की तरफ से आया वार्ता का प्रस्‍ताव स्‍वीकार कर लेना चाहिए। महबूबा के मुताबिक केंद्र सरकार को हुर्रियत कॉन्‍फ्रेंस के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए और राज्‍य में जारी हिंसा पर लगाम लग सकती है। आर्मी चीफ जनरल रावत ने कहा कि पश्चिमी और उत्‍तरी मोर्चे को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। सेना धीरे-धीरे कश्‍मीर में स्थिति को नियंत्रण में ला रही है। जनरल रावत ने कहा कि सेना घाटी में शांति कायम करने के लिए है। जनरल रावत ने कहा कि जहां तक आंतरिक सुरक्षा की बात है, धीरे-धीरे सेना उस दिशा की तरफ बढ़ रही है और स्थिति को नियंत्रण में ला रही है। जनरल रावत ने कहा, 'सेना दोनों सख्‍त और नरम ताकतों से संपर्क कर रही है लेकिन आतंकियों को दिया जाने वाला ऑफर जमीन पर ही है।'

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English summary
Indian Army chief Genera Bipin Rawat has said that Taliban's analogy cannot be applied to Jammu Kashmir.
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