दागी नेता भी असर दिखाने को बेकरार हरियाणा में
नई
दिल्ली(विवेक
शुक्ला)
हरियाणा
के
आगामी
विधानसभा
चुनावों
के
चलते
बहुत
से
दागी
नेता
भी
अपने
तरीके
से
नजर
आ
रहे
है।
उदाहरण
के
रूप
में
शिक्षक
भर्ती
घोटाले
में
पूर्व
मुख्यमंत्री
ओमप्रकाश
चौटाला,
उनके
पुत्र
अजय
चौटाला
और
शमशेर
सिंह
बड़शामी
तिहाड़
जेल
रहे
हैं।
हां, आजकल जमानत पर हैं। इनके अलावा तीन अन्य विधायक गोपाल कांडा, जिलेराम शर्मा और ओपी जैन भी जेल जा चुके हैं। फिलहाल यह जमानत पर हैं।
गोपाल कांडा मैदान में
गोपाल कांडा की कंपनी में एयर होस्टेस रही गीतिका शर्मा ने आत्महत्या कर ली और गोपाल कांडा तथा उनकी सहयोगी पर गंभीर आरोप लगाते हुए सुसाइड नोट में आत्महत्या के कारणों का खुलासा किया।
कांडा कई महीने जेल में रहे। इसके अलावा हुड्डा सरकार में ही परिवहन व पर्यटन मंत्री रहे ओपी जैन और मुख्य संसदीय सचिव जिले राम शर्मा पर भी एक सरपंच की हत्या की आरोप है और जेल जा चुके हैं। जानकार बताते हैं कि 2009 में चुने गए 15 विधायकों पर केस चल रहे हैं।
भजनलाल
की
सरकार
के
दौरान
23
जून
1995
को
राजस्थान
की
नोहर
विधानसभा
सीट
के
विधायक
अजय
सिंह
चौटाला
के
खिलाफ
रेल
की
पटरी
तोड़ने
का
मामला
दर्ज
करके
पुलिस
ने
उन्हें
गिरफ्तार
कर
किया
था।
इसके बाद अजयसिंह चौटाला ने प्रदेश की राजनीति में न केवल प्रवेश किया बल्कि भिवानी सीट से जीतकर लोकसभा पहुंच गए।
भजनलाल की सरकार में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान मंत्री रहे तेजेंद्रपाल मान को 2001 में हत्या व जमीनी विवाद के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
2005 में आरोपों के चलते कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दी तो तेजेंद्र मान निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते।
2003 में बरवाला विधानसभा सीट से विधायक जयप्रकाश को पुलिस ने गांव दौलतपुर के सुरेंद्र से लड़ाई-झगड़े व चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया।
वह जेल में रहे। जेल से रिहा होने के बाद सहानुभूति के घोड़े पर सवार जयप्रकाश न केवल हिसार लोकसभा सीट से चुनाव जीतने में कामयाब हुए बल्कि अपने छोटे भाई रणधीर सिंह धीरा को बरवाला से विधायक भी बनवा गए। यानी कि इस हरियाणा विधानसभा चुनाव में कई दागियों का असर रहने वाला है।