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तापसी पन्नू ने शेयर किया 'प्रवासी' कविता का भावुक वोडियो, मजदूरों पर कहा- क्या इस देश के वासी हैं?

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नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण से बचाव के लिए जब लॉकडाउन लगाया गया, तो आर्थिक गतिविधियां थम गईं। प्रमुख शहरों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों ने अपने-अपने गृह राज्य जाना शुरू कर दिया। कोई परिवहन सुविधा नहीं मिलने के कारण अधिकतर प्रवासी पैदल ही घरों को निकल पड़े। इनमें से कई की रास्ते में अधिक थकावट या फिर सड़क हादसे में मौत तक हो गई। ऐसे कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए जिससे हर कोई मजदूरों की दशा देखकर दुखी था। अब इन्हीं घटनाओं पर बॉलीवुड अभिनेत्री तापसी पन्नू ने एक कविता शेयर की है।

कविता में मजदूरों का दर्द बताया

कविता में मजदूरों का दर्द बताया

तापसी पन्नू ने प्रवासी मजदूरों की कुछ सामने आई वीडियो के विजुअल्स के साथ इस कविता का वीडियो अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। इस भावुक कविता में तापसी ने प्रवासी मजदूरों का दर्द बताया है। कविता का शीर्षक है, 'प्रवासी'। बुधवार को सोशल मीडिया पर शेयर हुए इस वीडियो से हर कोई भावुक हो रहा है। वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है। कैप्शन में तापसी ने लिखा है, 'हमारे दिल से, आपके दिल तक, उन हजारों दिलों के लिए जो शायद हम सब ने तोड़े हैं।'

'हम तो बस प्रवासी हैं'

'हम तो बस प्रवासी हैं'

कविता के बोल कुछ इस प्रकार हैं, 'हम तो बस प्रवासी हैं, क्या इस देश के वासी हैं? अगर हम नहीं हैं इंसान तो मार दो हमें, दे दो फरमान। खाने को तो कुछ ना मिल पाया, भूख लगी तो डंडा खाया। फांसले तय किए हजारों मील के, कुछ साइकिल पर कुछ पैर नंगे। मरे कई भूख से और कई धूप से। पर हिम्मत ना टूटी बड़ों के झूठ से। बस से भेजकर, रेल से भेजकर जान खो बैठे, रास्ते भूलकर। यहां प्रतिमाओं की बड़ी है हस्ती, पर इंसानों की जान है सस्ती।'

'चाहिए ना भीख ना दान'

'चाहिए ना भीख ना दान'

कविता में आगे कहा गया है, 'बड़े सपने, अच्छे दिन बतियाए पर भूख किसी की मिटा ना पाए। चाहिए ना भीख ना दान बस ना छीनो आत्मसम्मान। हम तो बस प्रवासी हैं, क्या इस देश के वासी हैं?' बता दें लॉकडाउन के बाद नौकरी जाने और पैसों की तंगी के कारण हजारों प्रवासी शहरों को छोड़ अपने-अपने गावों को निकल पड़े थे। तापसी ने अपनी इस कविता के जरिए उनका संघर्ष और उनका दर्द बताने की कोशिश की है। इस वीडियो में उस बच्चे की तस्वीर भी है, जो थककर सूटकेस पर सो गया था। इस सूटकेस को उसकी मां खींच रही थी।

तापसी ने ही नैरेट की कविता

तापसी ने ही नैरेट की कविता

वीडियो की तस्वीरों से दिखाया गया है कि कई जगह मजदूरों को क्या कुछ झेलना पड़ा। कहीं किसी को पुलिस ने पीटा, तो कहीं उनपर कीटाणुनाशक का छिड़काव किया गया। एक जगह तो छोटा बच्चा अपनी मृत मां को जगाने की कोशश कर रहा था। कविता को तापसी ने ही नैरेट किया है, जो एक सवाल के साथ खत्म होती है- 'हम तो बस प्रवासी हैं, क्या इस देश के वासी हैं?' इससे पहले वह अन्य अभिनेताओं के साथ अप्रैल में जारी हुए वीडियो 'मुस्कुराएगा इंडिया' में भी दिखाई दी थीं। जिसमें उन्होंने लोगों को कोरोना वायरस संकट के समय एक-दूसरे का समर्थन करने के लिए प्रेरित किया था।

कई सितारे कर रहे हैं मदद

कई सितारे कर रहे हैं मदद

हालांकि इस बीच कई बॉलीवुड सितारों ने प्रवासी मजदूरों की मदद भी की है। अभिनेता सोनू सूद ने बड़ी संख्या में प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाया है। इसके अलावा अभिनेता अमिताभ बच्चन भी प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने में उनकी मदद कर रहे हैं। उन्होंने बुधवार को इनके लिए विशेष उड़ान का भी प्रतिबंध किया था। जिससे उन्होंने मुंबई में फंसे प्रवासियों को उनके उत्तर प्रदेश स्थित घर तक पहुंचाने में मदद की है।

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English summary
taapsee pannu shared emotional pravaasi poem video with migrants visuals of coronavirus lockdown crisis
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