सुशांत की भांजी कात्यायनी का छलका दर्द, कहा- 'सोचा था जब बड़ी हो जाऊंगी तो आपको...'
'मैं हमेशा सोचती थी कि कभी ना कभी हम साथ मिलकर आसमान की तरफ देखेंगे और उसके रहस्य पर बातचीत करेंगे...'
नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई ने इस केस से जुड़े सभी दस्तावेज मुंबई पुलिस से अपने कब्जे में ले लिए हैं। मुंबई पहुंची सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को सबसे पहले सुशांत सिंह राजपूत के कुक नीरज से पूछताछ की। सुशांत के केस में नीरज के बयान को काफी अहम माना जा रहा है। वहीं सीबीआई जांच शुरू होने के बाद सुशांत की बहन श्वेता ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है अब उनके भाई को न्याय मिलेगा और सच सामने आएगा। इस बीच सुशांत सिंह राजपूत की भांजी कात्यायनी ने भी अपने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर करते हुए इमोशनल पोस्ट लिखी है।
'आप मेरे लिए सबसे खास इंसान थे और हमेशा रहेंगे'
कात्यायनी सिंह राजपूत ने अपने मामा सुशांत के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए अपनी पोस्ट में लिखा, 'गुलशन मामा, मैं आपको इस ब्रह्मांड से भी ज्यादा प्यार करती हूं। आप मेरे लिए सबसे खास इंसान थे और हमेशा रहेंगे। मैं हमेशा सोचती थी कि भविष्य में कभी ना कभी हम साथ मिलकर आसमान की तरफ देखेंगे और उसके रहस्य पर बातचीत करेंगे। जीवन के बारे में आपकी बातों ने हमेशा मुझे मंत्रमुग्ध किया और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया।'
'सोचा भी नहीं था कि वो दिन भी देखना पड़ेगा'
अपनी इमोशनल पोस्ट में कात्यायनी ने लिखा, 'मैंने कभी नहीं सोचा था कि जीवन में वो दिन भी देखना पड़ेगा, जब मैं आपकी आवाज दोबारा कभी नहीं सुन पाऊंगी। लोग आपके बारे में जो सोचते थे और मैं आपके लिए जो कुछ सोचती थी, आप उससे कहीं ज्यादा बढ़कर थे। आप खुद भी अपने लिए जो सोचते थे, उससे भी ज्यादा अच्छे थे। आप कभी ना रुकने वाली वो शक्ति थे और आज भी हैं, जो इस दुनिया में बने रहने के लिए बहुत जरूरी है।'
'हम टकटकी लगाकर सितारों को देखें'
अपने मामा को याद करते हुए कात्यायनी ने आगे लिखा, 'आपने एक बार मुझसे बताया था कि वास्तविकता में हम लोग कभी नहीं मरते और आज मैं आपकी उस बात पर यकीन करना चाहती हूं, लेकिन हर दिन, हर किसी के लिए ये बेहद कठिन हो रहा है। मैं बस इतना चाहती हूं कि एक ऐसे ही ब्रह्मांड में जाऊं, जहां एक बेहतर दुनिया हो और जहां हम दोनों साथ मिलकर मुस्कुराएं, टकटकी लगाकर सितारों को देखें और मैं आपके उन 'गंभीर' चुटकुलों पर जी भरकर खिलखिलाऊं।'
'आपको पहाड़ों पर अपने घर लेकर जाऊंगी'
सुशांत की भांजी ने आगे लिखा, 'मैं अक्सर इस बात की कल्पना करती थी कि जब बड़ी हो जाऊंगी तो आपको पहाड़ों पर अपने घर लेकर जाऊंगी और जब आप मुस्कुराकर मेरी तरफ देखेंगे तो मैं आपकी आंखों में गौरव का वो पल महसूस करूंगी। मैं जानती हूं कि किसी ना किसी दुनिया में खुशकिस्मती से मैं आपसे मिल पाऊंगी, लेकिन जब मैं ये एहसास करती हूं कि ऐसा होना इस दुनिया में संभव नहीं है, तो बहुत दर्द होता है।'
'मेरी रगों में भी आपका ही खून बहता है'
कात्यायनी ने आगे लिखा, 'लेकिन, मैं अपने इस दुख को कभी खुद के ऊपर हावी नहीं होने दूंगी और ना इस दुख की वजह से आगे बढ़ने से रुकूंगी, क्योंकि अगर ऐसा होता है तो ये मेरे लिए शर्मनाक होगा। मेरी रगों में भी आपका ही खून बहता है और मैं उसके जरिए ही आगे बढ़ूंगी। गुलशन मामा, आप मेरे ऊपर हमेशा गर्व करेंगे और मैं आपको ऐसे ही हमेशा प्यार करती रहूंगी।'
'फैलाई जा रही गलत बातों को साफ करना चाहती हूं'
आपको बता दें कि अभी हाल ही में सुशांत सिंह राजपूत की भांजी मल्लिका सिंह ने भी अपनी मासी मीतू सिंह के ऊपर सवाल उठाने वाले लोगों को लेकर एक पोस्ट लिखी थी। मल्लिका ने अपने मैसेज में लिखा, 'मैं यहां अपनी मासी के बारे में फैलाई जा रही कुछ गलत बातों को स्पष्ट करना चाहती हूं। 1:- अगर आप साइकोलॉजी के बारे में पढ़ेंगे (मैं यूनिवर्सिटी में साइकोलॉजी की पढ़ाई कर रही हूं) तो आपको एक शब्द पता चलेगा, जिसे किसी सदमे में 'भावनात्मक सुन्नता' कहा जाता है। इसमें आप किसी बड़े सदमे या आघात के बाद कुछ वक्त के लिए भावनाओं को महसूस करना ही बंद कर देते हैं। मासी ने भी अब इस बात पर यकीन करना बंद कर दिया है कि वो सब हुआ था। हमारे परिवार में उस बुरी खबर को सुनने वाली सबसे पहली सदस्य वही थीं, वही थीं जिन्होंने उस सदमे को सबसे ज्यादा महसूस किया।'
2:- बेसुध हो गईं थी मीतू मासी
'सुशांत की मौत की खबर सुनने के बाद जब वो वहां पहुंची तो बेसुध हो गईं, लेकिन फिर भी वकील ने उनसे कहा कि ये सब सहते हुए आप ध्यान रखिए कि जांच कैसे हो रही है। मेरे मामू सुशांत के अपार्टमेंट में उनका बहुत सारा कीमती सामान था। मासी से कहा गया कि वो इस बात को लेकर सतर्क रहें और चीजों का ध्यान रखें।'
3:- हमें नहीं पता था कि आखिर मेरे मामू के केस में...
'मेरी मासी ही थीं, जिन्होंने मेरे मामू को बचपन में मोटरसाइकिल चलाना सिखाया, क्रिकेट खेलना सिखाया। मेरी मीतू मासी बहुत मजबूद इरादों वाली हैं। सारे भाई-बहनों में वो सबसे मजबूत हैं। एक वो भी वक्त था जब हमें कुछ नहीं पता था कि आखिर मेरे मामू के केस में क्या चल रहा है और हम लोग बस अधिकारियों पर भरोसा कर रहे थे। एक डेमोक्रेसी में सब लोग यही तो करते हैं। उस दौरान मेरी मासी की बेटी अपनी मां से दूर लगातार रो रही थी और वो उसे भूलकर हम लोगों को दिलासा देने में लगीं थी। वो एक ऐसी इंसान हैं, जो हमेशा अपनी भावनाओं को दरकिनार कर दूसरों के लिए चिंता करती हैं। वो उस दौरान अपने बालों को इसलिए ठीक कर रहीं थी क्योंकि उनके बाल उनकी आंखों पर पड़ रहे थे और कैमरों की चमक उन्हें परेशान कर रही थी। हमें मीडिया के अटेंशन की कोई जरूरत नहीं है।'
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4:- सभी भाई-बहनों के बीच एक गहरा बंधन था
'हमारे परिवार को नहीं पता कि संदीप सिंह कौन है। मीतू मासी ने वहां पहुंचकर जब बॉडी देखी तो वो एकदम बेसुध हो गई, इसलिए किसी ना किसी को उन्हें संभालना था, वहां पर भी वही हुआ। मैं फिर से कह रही हूं कि वो संदीप सिंह को नहीं जानती। मेरी मासी पर उंगली उठाना, मेरे नाना-नानी के संस्कारों पर उंगली उठाना है। सभी भाई-बहनों के बीच एक गहरा बंधन था। वो सब एक-दूसरे से प्यार करते थे और मैंने खुद उन लोगों के इस प्यार को देखा है। मेरी नानी के जाने के बाद मेरे मामू की बड़ी बहनों ने उन्हें खूब लाड़-प्यार दिया और मेरी मीतू मासी उस दौरान भी सबसे मजबूत बनी रहीं। इसलिए, जो लोग हमारे परिवार के खिलाफ नेगेटिव कैंपेन चला रहे हैं, वो प्लीज इसे बंद करें।'