2019 से पहले बड़ा सर्वे, पीएम पद पर पहली पसंद नरेंद्र मोदी, किस नंबर हैं राहुल?
2019 के लोकसभा चुनाव में पहले हुए एक ऑनलाइन सर्वे में सामने आया है कि देश की जनता एक बार फिर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है।
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नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में पहले हुए एक ऑनलाइन सर्वे में सामने आया है कि देश की जनता एक बार फिर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की संस्था इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पीएसी) की ओर से किए गए इस सर्वे में करीब 48 फीसदी लोगों ने माना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही देश के एजेंडे को आगे ले जा सकते हैं। 55 दिनों तक चले इस ऑनलाइन सर्वे में देश के 712 जिलों के 57 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया।
कितने लोगों की पसंद बने राहुल गांधी
राष्ट्रीय एजेंडा फोरम के तहत किए गए इस ऑनलाइन सर्वे में प्रशांत किशोर की संस्था आई-पीएसी ने लोगों के सामने चुनाव के लिए 923 नेताओं को नामित किया था। सर्वे के तहत 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए जहां 48 फीसदी वोटों के साथ नरेंद्र मोदी पहले स्थान पर रहे, तो वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस सर्वे में पिछड़ गए। केवल 11 फीसदी लोगों ने उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए वोट किया।
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केजरीवाल, अखिलेश, मायावती को मिले कितने वोट
इस सर्वे में नामित किए 923 नेताओं में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी शामिल किया गया था। 9.3 फीसदी मतों के साथ अरविंद केजरीवाल तीसरे स्थान पर रहे। प्रधानमंत्री पद के लिए बाकी नेताओं में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 7 फीसदी वोटों के साथ चौथे स्थान पर, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी 4.2 प्रतिशत वोटों के साथ पांचवें स्थान पर और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती 3.1 फीसदी मतों के साथ छठवें स्थान पर रहीं।
किन मुद्दों के आधार पर हुआ सर्वे
प्रधानमंत्री पद के लिए कराए गए इस ऑनलाइन सर्वे की सूची में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी और एनसीपी नेता शरद पवार समेत कई क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों के प्रमुखों को रखा गया था। सर्वे के मुताबिक मतदान करने वाले लोगों ने महिला सशक्तिकरण, किसानों की समस्याएं, आर्थिक गैरबराबरी, छात्रों की समस्याएं, स्वास्थ्य और सुरक्षा शिक्षा, स्वच्छता, सांप्रदायिक एकता और बेसिक शिक्षा जैसे मुद्दों के आधार पर नेताओं का चयन किया।