कोरोना वायरस फैलाने के एवज में चीन से मुआवजा मांगने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें चीन से मुआवजा मांगने की बात कही गई है। इस याचिका में कहा गया कि जानबूझकर कोरोना वायरस पैदा करने के मामले में चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत में 600 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मुआवजे के लिए मुकदमा करने का केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए। कोर्ट ने इस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। जस्टिस एसए बोबडे (सीजेआई), जस्टिस माहेश्वरी और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि इस याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा।
इस याचिका को मदुरै के रहने वाले केके रमेश की ओर से दायर किया गया था। इसमें ये दावा किया गया कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि कोविड-19 चीन के वुहान विषाणु संस्थान से ही निकला था। इसमें ये भी कहा गया है कि चीन ने भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है और उसके हजारों नागरिकों की जान भी ले ली है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील सीआर जया सुकिन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए पीठ से कहा कि याचिका को सरकार के प्रतिवेदन के तौर पर लिया जाना चाहिए।
याचिका में केके रमेश ने ये भी कहा है कि चीन ने भारत के खिलाफ कोविड-19 जानबूझकर पैदा किया है और जैविक हथियार के तौर पर इसका इस्तेमाल किया है। इस याचिका में ये भी कहा गया है कि कोविड-19 चीन के वुहान से फैलना शुरू हुआ था और अब ये पूरी दुनिया में फैल चुका है। लेकिन चीन के वुहान से अन्य शहरों में ये वयारस क्यों नहीं फैला है।
आपको बता दें ऐसा कहा जाता है कि चीन के वुहान शहर से कोविड-19 बीते साल फैलना शुरू हुआ था। जिसके बाद ये पूरी दुनिया में फैल गया। भारत में भी कुल मामलों की संख्या 3 लाख 64 हजार से अधिक हो गई है।
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