दिल्ली में सीलिंग: अगली में सुनवाई 5 फरवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा मास्टर प्लान
नई दिल्ली। दिल्ली में चल रहे सीलिंग अभियान मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली का मास्टर प्लान लाएं। कोर्ट ने आज इस मामले की सुनवाई की। अदालत ने कहा कि अगर एक बार यह मान लिया जाए कि मॉनिटरिंग कमेटी को भंग कर दें तो क्या निगम ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं कर सकता? कोर्ट ने दिल्ली डिवेलपमेंट अथॉरिटी (डीडीए) व मामले की अन्य पार्टियों से दिल्ली का मास्टर प्लान लाने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 5 फरवरी को करेगा। उसी दिन सभी याचिकाओं का निपटारा होगा। अदालत छतरपुर रोड स्थित मारबल की दुकानों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। वहीं दिल्ली में जिस तरह से तमाम दुकानों को सील किया गया उसके बाद लगातार भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के भीतर तकरार बनी हुई है। लेकिन इस तकरार को खत्म करने के लिए सरकार कई ऐसी एजेंसियों को खत्म करने की तैयारी कर रही है जिससे कि राजनीतिक और व्यवसायिक तकरार खत्म हो सके।
कुछ भी कहने से इनकार
मंगलवार की शाम इसके लिए केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय के आला अधिकारियों की हाई लेवल मीटिंग हुई, जिसमे केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी व दिल्ली के एलजी अनिल बैजल, म्युनिसिपल कमिश्नर के सचिव डीएस मिश्रा व एनडीएमसी के चीफ नरेश कुमार व डीडीए के वाइस चेयरमैन उदय प्रताप सिंह ने हिस्सा लिया था। इस बैठक के बाद पुरी ने कहा कि सरकार जल्द ही इस पूरी समस्या को खत्म करने के लिए जल्द ही अहम कदम उठाएगी, हालांकि उन्होंने आगे कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।
केजरीवाल ने कई बाजारों का दौरा किया
इससे पहले मंगलवार को अरविंद केजरीवाल ने कई बाजारों का दौरा किया और इस दौरान तमाम रेस्टोरेंट, दुकानों व व्यापारियों से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की केंद्र सरकार इस पूरी समस्या के लिए जिम्मेदार है, उनकी सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी ताकि सीलिंग ड्राइव को बंद कराया जा सके। वहीं केंद्र सरकार के एक आला अधिकारी ने बताया हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि दिल्ली के मास्टर प्लान में बदलाव किया जा सकता है, जिसमे कई दुकानों व स्टोर प्राइवेट व सरकारी जमीन का मिश्रित इस्तेमाल कर रहे हैं।
डीडीए ने 10 गुना जुर्माना लगाया
आपको बता दें कि दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 के तहत कुल 2183 सड़के हैं जहां कॉमर्शियल व मिक्स सड़क का इस्तेमाल किए जाने की इजाजत दी गई है। ऐसे में उन जगहों पर सीलिंग की प्रक्रिया की जा रही है जहां दुकानों को इन जगहों का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है। जिन इमारतों में अतिरिक्त फ्लोर है या गलत बालकनी बाहर की ओर बनी है उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अभी तक जिन दुकानदारों पर जुर्माना लगाया गया है वह काफी ज्यादा है, डीडीए ने 10 गुना जुर्माना उन दुकानों व बिल्डिंग पर लगाया है जिनपर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है।