फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ देशद्रोह वाली याचिका खारिज, SC ने कहा- 'सरकार से अलग राय रखना देशद्रोह नहीं'
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अब्दु्ल्ला के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने अब्दुल्ला के खिलाफ जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि सरकार की राय से भिन्न विचारों की अभिव्यक्ति को देशद्रोही नहीं कहा जा सकता है।
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ धारा 370 पर अपनी टिप्पणी के लिए कार्रवाई की मांग वाली याचिका खारिज कर दी और कहा कि सरकार से अलग विचार रखना कोई देशद्रोही नहीं है। साथ ही याचिकाकर्ताओं पर याचिका दायर करने के लिए 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
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याचिकाकर्ता रजत शर्मा और नेह श्रीवास्तव ने धारा 370 को भंग करने के लिए केंद्र सरकार के 2019 के फैसले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख की टिप्पणी के खिलाफ कोर्ट में आईपीसी की धारा 124-ए के तहत देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की थी।
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फारूक अब्दुल्ला पर आरोप था कि 2020 में एक टेलीविजन इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि वह चाहते हैं कि चीन इसके समर्थन और संविधान के अनुच्छेद 370 को बहाल करने में मदद करें। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस बात से इनकार किया कि उनके नेता ने कभी भी अनुच्छेद 370 को चीन की मदद से बहाल करने की मांग की। वहीं खुद अब्दुल्ला ने भी इन आरोप को गलत ठहराया था।