सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 'अपशब्द' कहने पर दो भाजपा नेताओं को लगाई फटकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सीलिंग ड्राइव के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अपमानजनक बयान देने के लिए भारतीय जनता पार्टी के दो नेताओं को चेताया। न्यायमूर्ति एमबी लोकुर की अगुवाई वाली पीठ ने भाजपा विधायक ओपी शर्मा और नगरपालिका पार्षद गुंजन गुप्ता से कहा कि 'आप राज्य के प्रमुख के खिलाफ ऐसे बयान कैसे कर सकते हैं? सिर्फ इसलिए कि वह किसी अन्य राजनीतिक दल के हैं। उनका (मुख्यमंत्री) का सीलिंग ड्राइव के साथ कुछ नहीं करना है आप संस्था को नष्ट कर रहे हैं क्या आप इस देश के लोगों को बताने की कोशिश कर रहे हैं कि आप मुख्यमंत्री के बारे में जो कुछ भी चाहते हैं, आप कह सकते हैं?'
अवमानना की नोटिस जारी किया था
सुप्रीम कोर्ट ने 9 फरवरी को शर्मा और गुप्ता के खिलाफ पूर्वोत्तर दिल्ली के शाहदरा क्षेत्र में अनधिकृत वाणिज्यिक इकाइयों की सीलिंग में बाधा डालने के लिए अवमानना नोटिस जारी किया था। नोटिस के जवाब में दोनों अदालत में उपस्थित थे। उन पर आरोप लगाया गया था कि अदालत ने नियुक्त समिति के कामकाज में बाधा डाला।
अदालत ने कहा कि...
सुप्रीम कोर्ट एक संपत्ति की अनधिकृत उपयोग से संबंधित एक पुरानी याचिका सुन रही है। हालांकि अदालत ने भाजपा के दोनों नेताओं खिलाफ अवमानना की कार्यवाही को खत्म कर दिया। अदालत ने वकील एडीएन राव को बताया, 'हमने वीडियो को देखा और महसूस किया कि वे इस तरह की बाधा नहीं डाल रहे थे।'
लोगों के लिए कुछ सम्मान रखें...
हालांकि, पीठ ने शर्मा, गुप्ता और उनके समर्थकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ नारे वाले बैनर लेकर का विरोध किया, उस पर जोरदार आपत्ति जताई। अदालत ने कहा कि - 'आज, आप केंद्र शासित प्रदेश के प्रमुख के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। कल, आप एक राज्य के मुख्यमंत्री के खिलाफ और फिर प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलेंगे। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार के एक प्रमुख को इस तरह के अपमानजनक ढंग से संदर्भित किया जाता है। कुछ सम्मान करें। अपने लोगों को बताएं, यह स्वीकार्य नहीं है। लोगों के लिए कुछ सम्मान रखें।'