सुमित्रा महाजन ने आरक्षण को लेकर खड़ा किया सवाल, पूछा क्या यह समाज के लिए सही है?
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है। रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में सुमित्रा महाजन ने कहा कि क्या शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण को जारी रखने से देश में समृद्धि आएगी। उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या आरक्षण से देश का कल्याण होगा। उन्होंने कहा कि अंबेडकर जी खुद चाहते थे कि आरक्षण को 10 साल के बाद खत्म कर दिया जाए, उन्होंने 10 वर्षों में समान विकास की कल्पना की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
हर बार बढ़ा दिया जाता है
सुमित्रा महाजन ने रांची में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए कहा कि आज जो लोग संसद में मौजूद हैं वह हर बार 10 साल की मियाद को आगे बढ़ा देते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे आरक्षण मिला, मैं कुछ जीवन में बन गया तो मैंने जीवन के कितने क्षण ऐसे बिताए सोचने में कि मैंने मेरे समाज को बांटा कितना है। हमे ये सोचना बहुत जरूरी है कि क्या उसका फायदा है। क्या आरक्षण की यही कल्पना था। महाजन ने कहा कि समाज और देश में सामाजिक सौहार्द के लिए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संदेश को मानना होगा और उनके रास्ते का अनुसरण करना होगा।
छोटी जातियों में सुरक्षा की भावना होनी चाहिए
आरक्षण को लेकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि अगर किसी को दी हुई चीज को तुरंत छीना जाए तो विस्फोट हो सकता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक स्थिति ठीक नहीं है, पहले एक वर्ग विशेष के साथ अन्याय किया गया तो इसका मतलब यह नहीं है कि दूसरे वर्ग के साथ भी अन्याय किया जाए। उन्होंने कहा कि हमे अन्याय की बराबरी नहीं करनी चाहिए। हमे लोगों को न्याय देना चाहिए, लोगों के मन में इस बात की भावना होनी चाहिए कि छोटी जातियों के साथ अन्याय नहीं होगा, उनपर अत्याचार नहीं किया जाएगा।
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देश की छवि को खराब किया गया
कार्यक्रम में मौजूद झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि वामपंथी झुकाव वाले इतिहासकारों ने देश की विदेश में छवि को गलत तरीके से पेश किया है। हमारे लिए सभी धर्म समान हैं, आज देश और समाज को तोड़ने वाली ताकतें काफी ज्यादा सक्रिय हो गई हैं। जो स्वभाव से काफी सरल आदिवासी थे उनका धर्म परिवर्तन किया गया। लेकिन इसके खिलाफ हमारी सरकार ने कानून बनाया और जिन लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया उनपर रोक लगाई गई।
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