मोदी के ये 10 कदम, नोट बंदी की ओर, जो ना समझे वो अनाड़ी हैं
500 और 1000 रुपए के नोट बैन किए जाने से पहले मोदी सरकार के ये 10 फैसले बताते हैं कि कैसे की गई बड़ी तैयारी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से 500 और 1000 रुपए के नोट को प्रतबंधित किया है उसे लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक तरफ जहां कुछ लोग इस फैसले का विरोध करते हुए कह रहे हैं कि पीएम को लोगों को इस फैसले से पहले कुछ समय देना चाहिए था तो दूसरी तरफ कई लोग पीएम के फैसले को सही ठहरा रहे हैं।
पीएम की अपील अभियान में साथ दें
प्रधानमंत्री ने अपने इस फैसले को कई बार अलग-अलग मंच से सही ठहराया है और उन्होंने कहा है कि लोगों को दिक्कतें हो रही है मैं इस बात से पूरी तरह से वाकिफ हूं लेकिन मैं देश के लोगों से अपील करता हूं कि वह इस भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में मेरा साथ दें।
नए
नोट
के
रंग
छोड़ने
पर
केंद्र
सरकार
ने
किया
बड़ा
खुलासा
कई
राजनीतिक
दलों
ने
पीएम
के
इस
फैसले
को
जल्दबाजी
में
लिया
गया
फैसला
और
गलत
तरह
से
नियोजित
फैसला
करार
दिया
है।
लेकिन
इस
बाबत
पीएम
का
साफ
कहना
है
कि
जो
लोग
मेरे
पुराने
कदम
को
आंकलन
करते
उन्हें
इस
बात
का
अंदाजा
होना
चाहिए
था
कि
मैं
इस
तरह
का
कदम
का
उठा
सकता
हूं।
500
और
1000
के
नोटों
से
भरा
ट्रक
पलटा,
सड़क
पर
बिखरे
नोट
ही
नोट
पीएम
ने
कई
बार
अपने
भाषणों
में
यह
साफ
किया
है
कि
उन्होंने
बड़े
नोटों
को
प्रतिबंधित
करने
से
पहले
उन
लोगों
को
कई
मौके
दिए
जिनके
पास
कालाधन
है।
लेकिन
बावजूद
इसके
वह
समझते
थे
कि
यह
सरकार
भी
पुरानी
सरकार
की
तरह
से
चली
जाएगी
कुछ
नहीं
बदलने
वाला
है
लेकिन
लोगों
ने
यह
समझने
में
गलती
की
है।
नोट
बदलने
गई
लड़की
को
आया
गुस्सा,
भीड़
के
सामने
उतारे
कपड़े
आईए
पीएम
मोदी
के
उन
फैसलों
पर
नजर
डालते
हैं
जो
500
और
1000
रुपए
के
नोट
को
बंद
करने
से
पहले
लिए
गए
हैं।
इन
फैसलों
से
साफ
होता
है
कि
प्रधानमंत्री
ने
इस
फैसले
को
लागू
करने
से
पहले
से
ही
इसकी
योजना
बनानी
शुरु
कर
दी
थी।
पहला
कदम-
बैंक
खातों
में
जमा
करें
आयकर
सबसे
पहले
इंकम
रिटर्न
भरने
के
लिए
बैंक
खाते
का
इस्तेमाल
करने
को
कहा
गया।
जिससे
कि
हर
लोगों
की
सही
आय
का
पता
लग
सके।
दूसरा
कदम-
आधार
कार्ड
को
अनिवार्य
बनाया
गया
बड़े
पैमाने
पर
आधार
कार्ड
को
कई
अहम
कामों
के
लिए
अनिवार्य
बनाया
गया
है।
जिसके
बाद
पैन
कार्ड
को
आधार
कार्ड
से
जोड़ा
गया।
तीसरा
कदम-
रिकॉर्ड
जनधन
खाते
खोले
गए
जनधन
योजना
के
जरिए
तमाम
लोगों
के
खाते
खोलने
का
काम
किया
गया।
रिकॉर्ड
100
दिन
में
20
करोड़
से
अधिक
बैंक
खाते
खोले
गए।
बैंक
खाते
खोलने
के
लिए
कई
तरह
की
सहूलियतें
दी
गई।
चौथा
कदम-
सब्सिडी
को
सीधे
खाते
में
भेजा
जाने
लगा
आधार
कार्ड
के
जरिए
लोगों
को
सरकार
से
मिलने
वाली
सुविधाओं
को
सीधे
उनके
बैंक
खाते
में
सब्सिडी
भेजी
जाने
लगी।
सभी
सब्सिडी,
पेंशन
और
तमाम
तरह
की
सरकारी
सुविधाओं
को
बैंक
खाते
से
जोड़ा
गया।
यह
सबकुछ
डायरेक्ट
बेनिफिट
ट्रांसफर
स्कीम
के
तहत
किया
गया।
पांचवा
कदम
-
विदेशों
में
जमा
कालेधन
वालों
को
दिया
गया
मौका
विदेश
में
जमा
कालाधन
के
लिए
दूसरे
देशों
के
साथ
समझौते
किए
गए
जिससे
की
हवाला
के
जरिए
मारीसश
से
आने
वाले
पैसे
पर
रोक
लगाई
जा
सके।
इस
समझौते
के
बाद
एक
देश
से
दूसरे
देश
में
जमा
होने
वाले
पैसे
की
जानकारी
दी
जाएगी।
छठा
कदम-
बेनामी
संपत्ति
वालों
को
दिया
गया
मौका
कालाधन
के
बाद
लोगों
को
बेनामी
संपत्ति
के
बारे
में
जानकारी
देने
को
कहा
गया,
इसके
लिए
बेनामी
संपत्ति
एक्ट
और
विदेशी
कालाधन
एक्ट
लाया
गया।
आय
से
जुड़े
विवादों
को
दिसंबर
2016
तक
निपटाने
के
लिए
योजना
की
शुरुआत
की
गई।
सातवां
कदम-
सोने
पर
एक्साइज
ड्यूटी
लगाई
गई
बेनामी
संपत्ति
और
कालाधन
के
साथ
केंद्र
सरकार
ने
सोने
पर
एक्साइज
ड्युटी
लगाने
का
फैसला
लिया।
आठवां
कदम-
2
लाख
के
कैश
खरीद
पर
टीसीएस
लगाया
गया
कालेधन
पर
लगातार
हमला
जारी
रहा
और
दो
लाख
से
उपर
के
कैश
के
लेन-देने
व
खरीददारी
में
टीसीएस
को
अनिवार्य
किया
गया।
नौवां
कदम-
जमाखोरों
को
दिया
गया
मौका
कालाधन
और
जमाखोरों
को
इंकम
डिक्लेरेशन
स्कीम
2016
के
तहत
मौका
दिया
गया
कि
अपनी
संपत्ति
का
खुलासा
करें।
दसवा
कदम-
500/
1000
रुपए
के
नोट
पर
प्रतिबंध
इन
तमाम
फैसलों
के
बाद
आखिरकार
500
और
1000
रुपए
के
नोट
को
प्रतिबंधित
किए
जाने
का
फैसला
लिया
गया।
बहरहाल
देखने
वाली
बात
यह
है
कि
यह
क्रम
आगे
कहां
तक
जाता
है
और
केंद्र
सरकार
नोट
को
प्रतिबंधित
करने
के
बाद
क्या
बड़ा
फैसला
लेती
है।