रोहिंग्या शरणार्थियों की जांच करें राज्य, कईयों ने निजामुद्दीन मरकज में लिया था हिस्साः गृह मंत्रालय
नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने कई राज्य सरकारों को जारी एक अलर्ट में कहा है कि रोहिंग्या मुसलमान भी देशभर में कोरोना संक्रमण का खतरा बन सकते हैं। एमएचए के मुताबिक तब्लीगी जमात के धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर उनमें से कई लोग अभी तक अपने कैंप में नहीं लौटे हैं।
गौरतलब है पूरे भारत में रोहिंग्या मुसलमान के कुल 4 कैंप हैं, जो कि तेलंगाना, पंजाब, दिल्ली और जम्मू में बनाए गए हैं। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को इनकी कांटेक्ट ट्रेसिंग का आदेश जारी किया है। भारत में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमित केस को देखते हुए गृह मंत्रालय ने यह अलर्ट जारी किया है।
Covid19: वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में शीर्ष पर हैं भारत, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया
मालूम हो, अब तक पूरे देश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 13835 हो गई है, जिनमें से 45 लोगों की मौत हो चुकी है और 1767 लोग ठीक हुए हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में कोरोना वायरस से 21 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं और अकेले अमेरिका में 677570 मरीज हैं और अब तक वहां 34617 लोगों की मौत हो चुकी है।
यह भी पढ़ें-लॉकडाउन-2: प्रशांत किशोर उर्फ PK ने पूछा, 'क्या केंद्र सरकार के पास कोई प्लान-B है?'
गृह मंत्रालय ने रोहिंग्या मुस्लिम को लेकर अब जारी किया अलर्ट
देशभर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रोहिंग्या के कोरोना कनेक्शन को लेकर राज्य सरकारों को पत्र लिखा है। गृह मंत्रालय ने सारे राज्यों के चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी को चिट्ठी लिख कर रोहिंग्या मुस्लिमों को तलाश करने की बात कही है।
गृह मंत्रालय के पत्र में जिक्र है कि रोहिंग्या ने निजामुद्दीन मरकज में गए थे
गृह मंत्रालय के पत्र मेंजिक्र है कि तब्लीग के कुछ धार्मिक कार्यक्रमों में रोहिंग्या मुसलमानों ने भी हिस्सा लिया है। इससे उनमें भी कोरोना संक्रमण की संभावना है। हैदराबाद और तेलंगाना में रहने वाले रोहिंग्या ने मेवात में तब्लीग के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। साथ ही वह निजामुद्दीन के मरकज भी गए थे।
दिल्ली के श्रम विहार और शाहीन बाग में रह रहे रोहिंग्या मरकज में शामिल थे
दिल्ली के श्रम बिहार और शाहीन बाग में रहने वाले रोहिंग्या निजामुद्दीन तब्लीग की धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने गए थे, लेकिन अभी तक अपने कैंप वापस नहीं लौटे हैं। ऐसे ही पंजाब और जम्मू के रोहिंग्या कैंप में रहने वाले शरणार्थियों के तब्लीग के धार्मिक आयोजनों में शामिल होने की जानकारी सामने आई है। इस बाबत सारे राज्य उनके कांटेक्ट ट्रेसिंग की प्रक्रिया तुरंत शुरू करें.