Sohrabuddin encounter: मुख्य गवाह बोला, डर की वजह से नेताओं और अधिकारियों का नाम नहीं लिया
नई दिल्ली। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में मुख्य गवाह आजम खान ने बड़ा खुलासा किया है। गवाह ने दावा किया है कि उसे जेल के भीतर 20 दिन तक टॉर्चर किया गया, इसी वजह से वह सीबीआई कोर्ट के भीतर किसी भी आईपीएस अधिकारी, नेता का नाम लेने से बच रहा था। स्पेशल कोर्ट में आजम खान ने याचिका दायर की है जिसमे उसने अपील की है कि एक बार फिर से उसका बयान दर्ज किया जाए। उसने कहा कि उसका बयान अभी अधूरा है, साथ ही आजम ने खुद के लिए सुरक्षा की भी मांग की है। गौर करने वाली बात यह है कि सोहराबुद्दीन और तुलसी प्रजापति के सहयोगी आजम खान का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब कोर्ट 21 दिसंबर को इस मामले में अपना फैसला सुनाने वाला है।
अपनी याचिका में आजम खान ने कहा कि राजस्थान पुलिस के अधिकारी अब्दुल रहमान ने उसे धमकी दी थी, इसी वजह से वह किसी भी अन्य अधिकारी या नेता का नाम अपने बयान में नहीं ले सका। आजम खान का कहना है कि इस मामले में बड़ी संख्या में गवाहों का बयान दर्ज नहीं किया गया और तथ्यों की पड़ताल नहीं की गई है। इस मामले में 500 गवाहों के नाम चा्र्जशीट में दर्ज किए गए थे, लेकिन सिर्फ 210 गवाहों से ही पूछताछ की गई, जिसमे से 92 अपने बयान से पलट गए थे।
माना जा रहा है कि कोर्ट शुक्रवार को इस मामले में अपना फैसला सुना सकती है, ऐसे में आज ही आजम खान की इस याचिका पर सुनवाई हो सकती है। खान ने अपनी याचिका में कहा है कि उसकी पत्नी को धमकी दी गई है। धमकी देने वाले व्यक्ति ने कहा है कि अगर तुम्हारे पति ने हमारी इच्छा के अनुसार बयान नहीं दिया तो उसका हश्र शेख और प्रजापति की तरह होगा और मेरी पत्नी का भी हाल कसूरबी की तरह होगा। आपको बता दें कि आजम खान उदयपुर का गैंगस्टर है, उसका कहना है कि उसे और उसके परिवार को कई धमकी मिली है।
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