जब भरी राज्यसभा में मायावती ने बीजेपी मंत्री से कहा था- सिर काटकर मेरे चरणों में चढ़ा दो
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सहारनपुर मामले पर सदन में बोलने के लिए समय न दिए जाने की बात से गुस्सा होकर उन्होंने यह कदम उठाया। वैसे यह पहली बार नहीं है, जब मायावती को गुस्सा आया हो। पिछले साल स्मृति ईरानी के साथ राज्यसभा में उनकी इतनी तू-तू, मैं-मैं हो गई थी कि मायावती ने उनसे यहां तक कह डाला था कि, ''अब अपना सिर काटकर मेरे चरणों में चढ़ा दो।'' आइए बताते हैं आपको पूरा मामला क्या था और क्यों भड़क गई थीं मायावती।
मामला 24 फरवरी 2016 का है। उस दिन राज्यसभा में हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर जमकर हंगामा हुआ हो रहा था। इसी दौरान मायावती ने मोदी सरकार पर दलित छात्रों की
आवाज दबाने का आरोप लगाया।
मायावती ने कहा कि दलित छात्रों पर आरएसएस अपनी विचारधारा थोपने की कोशिश कर रहा है। सरकार मामले को दबाना चाहती है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री बंडारु दत्तात्रेय और स्मृति ईरानी का इस्तीफा भी मांगा। मायावती ने साथ ही कहा कि जब तक जेएनयू और रोहित वेमुला मामले में अलग-अलग बहस को सरकार राजी नहीं होती तब तक हंगामा होता रहेगा। इसी बीच विपक्षी सांसद वैल में जाकर नारेबाजी करने लगे और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। बाद में सदन शुरू हुआ तो स्मृति ईरानी ने विपक्ष के आरोपों पर जोरदार हमला बोला। इस दौरान सांसद शोर मचाने लगे, इस पर ईरानी ने कहा, ''मैं आज बसपा के एक-एक नेता और कार्यकर्ता से कहती हूं, सिर कलम करके आपके चरणों में छोड़ देंगे अगर आप मेरे जवाब से संतुष्ट नहीं हुईं।''
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सदन में मायावती ने मांगा स्मृति ईरानी का सिर
स्मृति ईरानी के बयान के बाद 26 फरवरी को मायावती सदन में इस मसले पर बोलने आईं। उन्होंने कहा, ''स्मृति ईरानी रोहित के छोटे भाई को अपने मंत्रालय में नौकरी दे देती तो अच्छा होता। उसकी मां दिल्ली सरकार के यहां फरियाद लगा रही है। मेरी सरकार होती, तो मैं रोहित के छोटे भाई को सरकारी नौकरी जरूर देती। हमारी पार्टी रोहित मामले में स्मृति ईरानी के बयान से संतुष्ट नहीं है। स्मृति ईरानी ने 24 फरवरी को कहा था कि अगर बसपा प्रमुख उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुईं, तो वह अपना सिर उनके चरणों में रख देंगी।'' मायावती के इस बयान पर स्मृति ईरानी तुरंत उठकर बोलीं, ''मैंने बसपा कार्यकर्ताओं को चुनौती दी थी। वे चाहें तो मेरा सिर काटकर ले जाएं।''