सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर को बताया कृषि कानूनों का 'आर्किटेक्ट', कहा- वही अंबानी को पंजाब की किसानी में लाए
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच अभी भी जुबानी जंग जारी है। गुरुवार को सिद्धू ने फिर से कैप्टन को नए कृषि कानूनों के लिए जिम्मेदार ठहराया। साथ ही उन्हें ही तीनों कानूनों का 'आर्किटेक्ट' कह डाला। सिद्धू की ये टिप्पणी अमरिंदर सिंह के उस बयान के दो दिन बाद आई, जिसमें उन्होंने नई राजनीतिक पार्टी शुरू करने की बात कही थी।

सिद्धू ने ट्वीट कर लिखा कि तीन काले कानूनों के निर्माता (आर्किटेक्ट)...जिन्होंने अंबानी को पंजाब की किसानी में लाया... जिन्होंने पंजाब के किसानों, छोटे व्यापारियों और श्रमिकों को एक-दो बड़े कॉरपोरेट्स को लाभ पहुंचाने के लिए नष्ट कर दिया। इसके साथ ही सिद्धू ने कैप्टन का एक पुराना वीडियो भी शेयर किया। हालांकि कैप्टन ने भी सिद्धू को जवाब देने में देर नहीं की। उन्होंने कहा कि सिद्धू को फसल विविधीकरण और कृषि कानून में अंतर समझ में नहीं आता है।
वहीं दूसरी ओर कैप्टन ने भी साफ कर दिया है कि वो अब किसी दूसरी पार्टी में नहीं जाएंगे। वो अपनी पार्टी बनाकर 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। हालांकि कुछ लोग बीजेपी से उनकी पार्टी के गठबंधन के कयास लगा रहे थे, जिस पर उन्होंने कहा कि बीजेपी एक सांप्रदायिक और मुसलमान विरोधी पार्टी है। ऐसे में वो उसके साथ गठबंधन नहीं करेंगे। कैप्टन का ये बयान इस वजह से भी अहम है क्योंकि बीजेपी उन्हीं के जरिए कृषि कानून और किसानों आंदोलन से जुड़े मुद्दे को हल करना चाहती थी।
हरीश रावत ने कही ये बात
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार शुरू करवाया था, तो पंजाब में कांग्रेस की लोकप्रियता शून्य हो गई थी। इसके बाद कैप्टन ने वहां पर पार्टी को मजबूत किया। अब उनके जाने से 2022 में कांग्रेस को नुकसान की आशंका है। हालांकि पार्टी के पंजाब प्रभारी इस बात से इनकार कर रहे। हरीश रावत के मुताबिक अमरिंदर सिंह की नई पार्टी से कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, बल्कि इससे कांग्रेस विरोधी बंट जाएंगे।