सीरम इंस्टीट्यूट को 7-11 साल के बच्चों को कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में शामिल करने की मिली इजाजत
भारत सरकार ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को वैक्सीन के ट्रायल में 7-11 साल के बच्चों को इनरोल करने की इजाजत दे दी है।
नई दिल्ली, 28 सितंबर। भारत सरकार ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को वैक्सीन के ट्रायल में 7-11 साल के बच्चों को इनरोल करने की इजाजत दे दी है। इन बच्चों पर अमेरिका की वैक्सीन निर्माता कंपनी नोवावैक्स की कोरोना वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के एक विषय विशेषज्ञ पैनल ने कहा कि विस्तृत विचार-विमर्श के बाद समिति ने प्रोटोकॉल के अनुसार 7 से 11 साल के बच्चों पर ट्रायल की शिफारिश की। बता दें कि सीरम कोविशील्ड के अलावा कोवावैक्स नाम से भी एक वैक्सीन बना रही है। पिछले महीने सीरम के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि कोवावैक्स को इस साल अक्टूबर में युवाओं के लिए और अगले साल की पहली तिमाही में बच्चों के लिए लॉन्च कर दिया जाएगा। सीरम से पहले भारत की दो वैक्सीन निर्माता कंपनियां बच्चों पर कोरोना की वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर चुकी हैं। इनमें भारत बायोटेक और जायडस कैडिला शामिल है। सीरम ने 12-17 साल के बच्चों पर कोवैक्स का ट्रायल पहले ही शुरू कर दिया है और इसके बेहतर परिणाम भी सामने आए हैं। नोवावैक्सी की वैक्सीन को फिलहाल भारत में टीकाकरण की मंजूरी नहीं मिली है।
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पिछले हफ्ते सीरम इंस्टीट्यूट ने सरकार को बताया कि वह अक्टूबर में कोविशील्ड की करीब 22 करोड़ खुराक उपलब्ध कराएगा। सीरम ने कहा कि कंपनी ने कोविशील्ड की अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा दी है और यह अक्टूबर में भारत सरकार और निजी अस्पतालों को टीके की 21.90 करोड़ खुराक की आपूर्ति करने में सक्षम होगी।