नए नौसेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर वाइस एडमिरल बिमल वर्मा एक बार फिर अदालत की शरण में
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना प्रमुख की नियुक्ति को चुनौती देने वाले सीनियर मोस्ट वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने एक बार फिर कोर्ट की ओर रुख किया है। बता दें कि बिमल वर्मा फिलहाल अंडमान एवं निकोबार कमान के कमांडर इन चीफ है। इस मामले में सरकार ने बीते दिनों वर्मा की वरिष्ठता को नजरअंदाज करते हुए वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को नौसेना प्रमुख बनाने के लिए उनके नाम को आगे बढ़ाया है।
वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को नौसेना प्रमुख बनाए जाने के सरकार के रवैये से नाराज बिमल वर्मा ने आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल में याचिका दाखिल की थी। लेकिन ट्रिब्यूनल से वो याचिका वापिस हो गई। इस याचिका में उनकी तरफ से उनकी बेटी रिहा वर्मान और वकील अंकुर छिब्बर ने याचिका की थी, लेकिन ट्रिब्यूनल ने याचिकाकत्रा से सवाल किया कि था कि अभी सरकार के सामने आपत्ति क्यों नहीं दर्ज कराई गई थी। याचिकाकर्ता ने याचिका में बताया था कि उन्होंने नेवी एक्ट के तहत सभी प्रक्रिया पूरी कर ली हैं। लेकिन सरकार के सामने सवाल की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई थी।
Senior most Vice Admiral again moves court challenging Navy chief's appointment
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— ANI Digital (@ani_digital) April 23, 2019
बता दें कि नौसेना स्टाफ के वर्तमान प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा का कार्यकाल 31 मई, 2019 को समाप्त हो रहा है। वाइस एडमिरल करमबीर सिंह एडमिरल सुनील लांबा की जगह लेंगे। नेवी प्रमुख के पद के लिए कई नाम प्रस्तावित किये गए थे जिनमें वाइस एडमिरल विमल वर्मा का नाम भी शामिल था। इसके अलावा अगले नौसेना प्रमुख के लिए वाइस एडमिरल अजीत कुमार नाम भी प्रस्तावित था। करमबीर सिंह को जुलाई, 1980 में भारतीय नौसेना में नियुक्त किया गया था। साल 1982 में वे हेलीकॉप्टर पायलट बने। उन्हें एचएएल चेतक और कामोव का -25 हेलीकॉप्टरों को उड़ाने का काफी अच्छा अनुभव है।
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