
हाथरस मामला: पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की जमानत याचिका पर SC ने यूपी सरकार को जारी किया नोटिस
नई दिल्ली, 29 अगस्त: केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। बता दें, यूपी सरकार ने सिद्दीकी कप्पन पर हाथरस मामले में साजिश रचने पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया था। पांच अक्टूबर 2020 को सिद्दीकी कप्पन को मथुरा से गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 9 सितंबर को करेगा।

चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एसआर भट्ट की पीठ ने केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की जमानत याचिका पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट में कप्पन की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलीलें देते हुए कहा कि कप्पन का किसी भी संगठन से रिश्ता नहीं है। वह पत्रकार है और 6 अक्टूबर 2020 से जेल में है। सिब्बल ने कहा कि आरोप है कि पीएफआई ने कप्पन के अकाउंट में 45000 रुपए जमा किए, लेकिन इसका कोई भी सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि कप्पन एक पत्रकार है, उसका पीएफआई से कोई संबंध नहीं है। वह कुछ समय पहले एक ऐसे अखबार में काम करता था, जिसका पीएफआई से संबंध था।
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गरिमा प्रसाद ने यूपी सरकार की ओर से दलीलें दीं। यूपी सरकार की ओर से पेश हुईं गरिमा प्रसाद ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में 8 आरोपी हैं, वे सभी जेल में हैं। सिर्फ एक ड्राइवर को रिहा किया गया है। चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। इनमें एक आरोपी दिल्ली दंगों में शामिल था, दूसरा बुलंदशहर दंगों में शामिल था, जबकि एक आरोपी जिसे जमानत दी गई थी, वह कोर्ट में पेश नहीं हो रहा है। उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है, इसलिए सुनवाई में देरी हो रही है। मामले में आरोप पत्र दाखिल कर किया जा चुका है।
गरिमा प्रसाद ने कहा कि कप्पन को जेल में रखने के लिए हमारे पास पर्याप्त कारण हैं। इसके बाद कोर्ट ने यूपी सरकार को हलफनामे के माध्यम से सभी तथ्यों को पेश करने के आदेश दिए। कोर्ट अब इस मामले में 9 सितंबर को फैसला सुनाएगा।