भीमा कोरेगांव हिंसा केस: सुप्रीम कोर्ट ने पी वरवर राव को मेडिकल आधार पर दी जमानत
नई दिल्ली, 10 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 के भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी एक्टिविस्ट और तेलुगू कवि 84 वर्षीय डॉ. पी वरवर राव को मेडिकल आधार पर नियमित जमानत दी है। जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने वरवर राव की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका पर आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि राव संबंधित ट्रायल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को ट्रायल कोर्ट की अनुमति के बिना नहीं छोड़ेंगे, वह अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेंगे और वह किसी भी गवाह के संपर्क में नहीं रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यह फैसला उस याचिका पर सुनाया, जिसमें उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें कोर्ट ने स्थायी मेडिकल जमानत देने से इनकार कर दिया था।
कोर्ट ने कहा कि राव अपनी पसंद के चिकित्सा उपचार के हकदार होंगे, लेकिन NIA को उनके द्वारा प्राप्त किए जा रहे चिकित्सा उपचार के बारे में सूचित रखेंगे। सुप्रीम कोर्ट यह स्पष्ट किया कि जमानत केवल चिकित्सा आधार पर दी गई है और इसे मामले के मैरिट के आधार पर नहीं लिया जाएगा।
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पी वरवर राव को 28 अगस्त, 2018 को हैदराबाद में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था और भीमा कोरेगांव मामले में एक विचाराधीन है। इस मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया। राव जिन्हें शुरू में शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार नजरबंद रखा गया था, बाद में 17 नवंबर, 2018 को पुलिस हिरासत में ले लिया गया और बाद में तलोजा जेल ट्रांसफर कर दिया गया।