'राम मंदिर का वादा इस बार पूरा नहीं किया, तो जनता हमें जूतों से पीटेगी'
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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार ने कार्यभार संभाल लिया है। इसी के साथ बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने एक बार फिर राम मंदिर का मुद्दा उठाया है। पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने गुरुवार को कहा, "अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का वादा अगर अब पूरा नहीं होता है तो जनता हमें जूतों से पीटेगी।" यहीं नहीं संजय राउत ने आगे कहा, "2014 में हमने राम मंदिर निर्माण का वादा किया था, लेकिन हम इसे पूरा नहीं कर पाए। इस बार का चुनाव भी हमने राम मंदिर के नाम पर लड़ा। मुझे लगता है कि इस बार राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा।"
राम मंदिर मुद्दे पर शिवसेना नेता संजय राउत का बड़ा बयान
संजय राउत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "चुनाव से पहले हम शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ अयोध्या गए थे। हम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। मेरा मानना है कि इस बार राम मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा, क्योंकि अगर इस बार हम ऐसा नहीं करते हैं तो जनता हम पर भरोसा करना बंद कर देगी और जूतों से पिटाई करेगी।" उन्होंने आगे कहा, "मंदिर जल्द ही बनाया जाएगा क्योंकि एनडीए के पास इस बार 350 सीटें हैं। अकेले बीजेपी के पास 303 सांसद हैं। शिवसेना के पास 18 सीटें हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए इससे ज्यादा और क्या चाहिए?"
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उद्धव ठाकरे का शिवसेना सांसदों के साथ अयोध्या दौरे की है योजना
खबर है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इस महीने के आखिर में उत्तर प्रदेश के अयोध्या का दौरा कर सकते हैं। पार्टी की मीडिया सेल ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। शिवसेना प्रमुख ने लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या का दौरा किया था। नवंबर में किए अपने दौरे में उन्होंने केंद्र सरकार से कहा था कि पूरा देश इंतजार कर रहा है कि राम मंदिर का निर्माण कब होगा। हम कब तक इंतजार करते रहेंगे। एएनआई के मुताबिक उनकी यात्रा की तारीख पर अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा।
शिवसेना ने बीजेपी से लोकसभा में मांगा डिप्टी स्पीकर का पद
इस बीच शिवसेना ने बीजेपी से लोकसभा में डिप्टी स्पीकर के पद की मांग की है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, 'लोकसभा में डिप्टी स्पीकर पद को लेकर ये हमारी डिमांड नहीं है, बल्कि ये हमारा स्वाभाविक दावा और हक है। ये पद शिवसेना को ही मिलना चाहिए। हमने सुना है कि इस पद को बीजू जनता दल को दिए जाने की चर्चा है, लेकिन वो तो ओडिशा में एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़े थे, फिर उन्हें ये पद क्यों दिया जा रहा है। भाजपा को पूर्ण बहुमत दिलाने में शामिल सहयोगी दलों को भी सम्मान मिलना जरूरी है। इसे देखते हुए कैबिनेट में सहयोगी दलों को उपयुक्त स्थान दिया जाना चाहिए।'
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