Box Office पर साहो ने फिर दिखाया दम, बाहुबली को लेकर भी ईमानदार नहीं थे क्रिटिक्स
बंगलुरू। साउथ फिल्मों के सुपरस्टार प्रभास की फिल्म साहो वर्ल्डवाइड बेहतरीन बिजनेस ही नहीं कर रही है बल्कि फिल्म के डायरेक्शन, वीएफएक्स, एक्शन सीन्स, बैकग्राउंड स्कोर, म्युजिक और प्रभास के हिंदी में डायलॉग डिलीवरी को भी काफी पसंद किया जा रहा है। याद कीजिए साउथ फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत और चिरंजीवी और धानुष की हिंदी में डायलॉग डिलीवरी और अगर आपने साहो देखी है, तो पाएंगे कि प्रभास की हिंदी में डायलॉग डिलीवरी उपरोक्त सभी साउथ सुपरस्टारों की तुलना अधिक नेचुरल थी। यही कारण है कि पहली बार किसी साउथ फिल्म का हिंदी संस्करण कमाई में सबसे आगे है।
कुल चार भाषाओं में रिलीज हुई फिल्म साहो का हिंदी संस्करण सबसे अधिक कमाई कर चुकी है और उसके हिंदी संस्करण को नॉर्थ में ही नहीं, साउथ में खूब अच्छा रिस्पांस मिला है। हिंदी संस्करण में रिलीज हुई फिल्म साहो ने महज 6 दिन में 109 करोड़ रुपए की कमाई कर झंडे गाड़ दिए और उन क्रिटिक्स के मुंह पर वो जोरदार तमाचा जड़ा है, जो साहो की रेटिंग खराब देकर फिल्म को डूबाने की पूरी कोशिश में लगे थे।
हालांकि फिल्म साहो को लेकर बॉलीवुड फिल्मकार पहले से ही डरे हुए थे। बाहुबली के दोनों संस्करणों में प्रभास की धमक से बॉलीवुड के प्रोड्युसर और निर्देशक दोनों हतप्रभ थे और जब फिल्म साहो के टीजर और ट्रेलर ने धमाल मचाना शुरू किया तो एक तबके ने फिल्म के खिलाफ खराब रेटिंग का मानो का बीड़ा उठा लिया।
यही वजह थी फिल्म साहो के रिलीज से पहले फिल्म में प्रभास की हिंदी डायलॉग डिलीवरी और एक्टिंग को लेकर बॉलीवुड फिल्मों के क्रिटिक्सों ने तमाम तरह के कयास लगाने शुरू कर दिए थे और हर वो कोशिश की गई, जिससे फिल्म को हिंदी दर्शकों से दूर रखा जा सके। मशहूर क्रिटिक्स कोमल नाहटा ने भी फिल्म साहो के लिए बेहद खराब रेटिंग की।
कोमल नाहटा एक नजीर है, क्योंकि बॉलीवुड फिल्मों के लिए रेटिंग करने वाले किसी भी फिल्म क्रिटिक्स ने साहो के लिए बेहतर रेटिंग नहीं की। बावजूद इसके फिल्म ने बेहतरीन कलेक्शन कर दिखा दिया कि फिल्मों के असली क्रिटिक्स सिर्फ और सिर्फ जनता होती है और जनता का फैसला ही है कि फिल्म साहो ने महज 5 दिन में 350 करोड़ रुपए कमाकर पूरी लागत निकालने में कामयाब रही है।
फिल्म साहो के निर्माण की पूरी लागत करीब 350 करोड़ रुपए बताई जाती है और फिल्म ने वर्ल्डवाइड महज 5 दिन 350 करोड़ रुपए अपनी झोली में डाल लिए। 29 अगस्त को पूरी दुनिया में 6000 स्क्रीन के साथ रिलीज हुई साहो को एक सप्ताह बाद भी दर्शकों का खूब प्यार मिल रहा है। माना जा रहा है कि साहो बाहुबली-2 रिकॉर्ड ध्वस्त कर सकती है। मालूम हो, बाहुबली-द कनक्लूजन का नाम बॉक्स ऑफिस पर अबतक की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्मों में शुमार है।
बाहुबली-द कनक्लूजन ने बॉक्स ऑफिस पर तकरीबन 511 करोड़ रुपए की कमाई की थी और जिस तरह से साहो फिल्म थियेटर में दूसरे सप्ताह भी बिजनेस कर रही है उससे उम्मीद की जा रही है कि साहो बॉक्स ऑफिस पर 600 करोड़ रुपए से ऊपर बिजनेस का एक रिकॉर्ड बना सकती है। हालांकि 6 सितंबर को रिलीज हुई दंगल फेम डायरेक्टर नितेश तिवारी की फिल्म छिछोरे रिलीज है, जो साहो के स्क्रीम प्रजेंस को निःसंदेह कम कर देगी, जिसका साहो को नुकसान हो सकता है।
फिल्म साहो हिंदी बॉलीवुड फिल्मों के पारंपरिक और प्रीप्लांड पैकेज से इतर थी। नवोदित डायरेक्टर सुजीत द्वारा साहो में फिल्माए गए जबर्दस्त एक्शन सीन और सुपरस्टार प्रभास के जोरदार स्टंट ने फिल्म को हॉलीवुड फिल्मों के कटेगरी में खड़ा कर दिया है। ऐसे दांत खट्टे करने वाले स्टंट सीन और पर्दे पर गाड़ियों की स्पीड दर्शकों को दांत भीचने के लिए मजबूर कर देते हैं। थियेटर में बैठा हुआ दर्शक फिल्म की गति से सीट पर बंध जाता है।
फिल्म साहो में सिनेमेटोग्राफी को अगर सबसे अव्वल पार्ट कहें तो कुछ गलत नहीं होगा। सिनेमेटोग्राफर मेधी ने फिल्म की स्पीड और स्टंट के हिसाब से बेहतरीन सिनेमेटोग्राफी की है और बैकग्राउंड स्कोरर गिब्रान की तारीफ इसलिए करनी चाहिए, क्योंकि यह उनका ही जादू था कि दर्शक थियेटर की सीट से चिपका रहता है। फिल्म एडीटर ए.श्रीकर प्रसाद की एडिटिंग में लेकिन थोड़ी कमी जरूर गई वरना फिल्म को छोटी करने की गुंजाइश थी।
फिल्म की कहानी और स्क्रीन प्ले पर अपनी दूसरी फिल्म डायरेक्ट कर रहे डायरेक्टर सुजीत ने बेहतरीन काम किया है, लेकिन अगर एडीटर बेहतरीन एडिटिंग की गई होती तो फिल्म की लंबाई कम करने में मदद मिल सकती है। वहीं, फिल्म की म्युजिक और बैकग्राउंड स्कोर को किसी भी एंगल से कमतर नहीं कहा जा सकता है। फिल्म साहो में कुल चार संगीतकारों ने म्युजिक दिया था, इनमें गुरू रंधावा, बादशाह, तनिष्क बागची और गिब्रान प्रमुख थे।
फिल्म साहो के तीन गाने तो रिलीज से पहले ही लोगों की जुबान पर चढ़ चुके थे। इनमें सैय्या साइको, इन्नी सोनी और बैड ब्वॉय लोगों की जुबान पर अब भी है। माना जाता है साहो के सुपरहिट में उसके गानों का भी बड़ा योगदान रहा है, क्योंकि साहो पहली साउथ इंडियन डबब्ड फिल्म कही जा सकती है, जिसके गाने हिंदी सिनेप्रेमियों के लिए अलग से लिखे गए हैं वरना अमूमन साउथ वर्जन गानों पर हिंदी शब्द चिपका दिए जाते रहे हैं, जिससे हिंदी दर्शक फास्ट फारवर्ड कर अक्सर पीछा छुड़ा लिया करते हैं।
फिल्म साहो के लिए अब ज्यादा कुछ कहने को अब बचा नहीं है, लेकिन फिल्म साहो को लेकर हिंदी फिल्मों के क्रिटिक्स की दोगलापन इससे जगजाहिर हो गई है, जो यह बताती है कि पूरा बॉलीवुड प्रभास स्टारर साहो से कितनी डरी हुई थी और फिल्म साहो को किसी भी तरह से एक हफ्ते से ज्यादा थियेटर पर नहीं देखना चाहती थी। यह दुर्भाग्य ही है कि बॉलीवुड फिल्मों की क्रिटिक्स बनकर ऊंचे पायदान पर बैठाए गए किसी भी क्रिटिक्स ने साहो के बारे में कुछ अच्छा नहीं लिखा।
साहो को सलमान खान स्टारर फ्लाफ फिल्म रेस 3 का वर्जन देसी वर्जन तक करार दे दिया गया। प्रभास के कंधों पर सवार फिल्म साहो में एक्टिंग और स्टंट उसे रेस 3 से बहुत आगे रखती है। सबसे महत्वपूर्ण बात, फिल्म साहो में विलेन के किरदार में अवतरित हुए चंकी पांडेय ने जरूर सबको चौका दिया है। चंकी पांडेय ने विलेन के रूप में साहो में बेहतरीन अभिनय किया है, जिन्हें अब आगे के लिए फिल्मों में उन्हें रिपीट करते जरूर देखा जा सकेगा। कहा जा सकता है कि साहो ने चंकी पांडेय ने विलेन अवतार में बॉलीवुड एक नई पारी का आगाज किया है।
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