Russian Oil पर 5 मिनट तक हुआ सवाल, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने महिला पत्रकार को पढ़ाया पाठ- VIDEO
Russian Oil पर लगातार पांच मिनट के सवालों के बीच केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने महिला पत्रकार को दो टूक दवाब दिया और कहा कि भारत किसी भी तरह के दबाव में नहीं है। russian oil hardeep puri pulls becky anderson amid india oi
Russian Oil की खरीद और भारत की तेल पर नीति को लेकर सवालों के बीच केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने महिला पत्रकार को दो टूक लहजे में जवाब दिया। उन्होंने कहा, भारत किसी भी तरह के दबाव में नहींं है, पहले अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करें। पुरी ने कहा कि वैश्विक बाजार में जहां भी तेल मिलेगा, भारत अपने हितों के आधार पर उन देशों से खरीदेगा। उन्होंने साफ किया कि खरीदारी में सरकारों की भूमिका नहीं। तेल कंपनियां खरीदारी करती हैं। एक महिला पत्रकार के साथ एक साक्षात्कार के दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रूस से भारत द्वारा रियायती तेल की खरीद से जुड़े सवाल पर खिंचाई करते हुए कहा, पहले 'मुझे आपका दृष्टिकोण स्पष्ट करने दें।'
भारत जितना एक दोपहर में खरीदता है रूस
केंद्रीय मंत्री ने भारत की रूसी तेल खरीद पर लगातार पांच मिनट तक घुमा-फिरा कर पूछे गए सवालों के बीच भारत की खरीद का बचाव करते हुए कहा कि भारत ने रूसी तेल का केवल 0.2 प्रतिशत खरीदा, न कि 2 प्रतिशत। इसके अलावा, हम अभी भी ओवरऑल एक चौथाई खरीदते हैं। इतनी मात्रा यूरोप एक दोपहर में खरीद लेता है।
इराक से सबसे अधिक तेल भारत आया
पुरी सीएनन की महिला पत्रकार को यूक्रेन में आक्रमण के बीच रूस और भारत के बीच तेल व्यापार को लेकर सवालों के जवाब दे रहे थे। पत्रकार के दावों पर कि भारत को रियायती रूसी तेल की खरीद से लाभ हो रहा है और तेल खरीदना जारी रखने के बारे में, मंत्री ने जवाब दिया, "हमने वित्तीय वर्ष 31 मार्च, 2022 में रूसी तेल 0.2 प्रतिशत खरीदा न कि 2 प्रतिशत। हम केवल एक चौथाई तेल ही लाए जो यूरोप एक दोपहर में खरीदता है। उन्होंने कहा, रूस भारत को तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता नहीं है। पिछले महीने, भारत को तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता इराक था।
सरकार नहीं खरीदती कंपनियां खरीदती हैं तेल
महिला पत्रकार ने अपने ट्विटर हैंडल- @BeckyCNN पर हरदीप सिंह पुरी को टैग कर वीडियो ट्वीट किया है। नैतिक संघर्ष के सवालों पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, "बिल्कुल कोई नैतिक संघर्ष नहीं है।" "हमारे उपभोक्ताओं के प्रति हमारा नैतिक कर्तव्य है और हम यह सुनिश्चित करते हैं कि उन्हें पेट्रोल, डीजल की आपूर्ति की जाती है। रूसी तेल खरीदने में कोई नैतिक संघर्ष नहीं है। हम एक्स या वाई से नहीं खरीदते हैं, हम जो कुछ भी उपलब्ध है उसे खरीदते हैं। मैं खुद या सरकार नहीं खरीदती। तेल कंपनियां खरीदती हैं।'
नीचे देखें वीडियो--
|
'मोदी सरकार दबाव में नहीं'
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत को रूस से इतनी अधिक खरीद पर खेद है ? पुरी ने कहा, भारत रूस से तेल खरीदना बंद करने के लिए नैतिक संघर्ष में नहीं है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अमेरिका और यूरोप के साथ स्वस्थ चर्चा का आनंद ले रहा है। मोदी सरकार किसी भी दबाव में नहीं है।
'मोदी सरकार दबाव में नहीं'
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत को रूस से इतनी अधिक खरीद पर खेद है ? पुरी ने कहा, भारत रूस से तेल खरीदना बंद करने के लिए नैतिक संघर्ष में नहीं है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अमेरिका और यूरोप के साथ स्वस्थ चर्चा का आनंद ले रहा है। मोदी सरकार किसी भी दबाव में नहीं है।
भारत के पास ग्रीन एनर्जी का भी विकल्प
अगर पश्चिम रूस से तेल प्रतिबंध को कड़ा करता है तो भारत की बैकअप योजना पर हरदीप सिंह पुरी ने कहा, "हमारी कई बैकअप योजनाएं हैं। अमेरिका और यूरोप के साथ हमारी स्वस्थ चर्चा चल रही है। मोदी सरकार दबाव महसूस नहीं करती है। जब तेल की कीमतों में वृद्धि होती है तो उसके परिणाम होते हैं। मुद्रास्फीति और मंदी इस प्रभाव से ही होती है। हमारे पास हरित ऊर्जा का भी विकल्प है।
रूसी तेल खरीदने से किसी ने मना नहीं किया
गौरतलब है कि इससे पहले हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि किसी भी देश ने भारत को रूस से तेल खरीदना बंद करने के लिए व्यक्तिगत रूप से नहीं कहा है। "भारत जहां चाहे वहां से तेल खरीदेगा, इसका सीधा सा कारण है कि इस तरह की चर्चा को भारत की उपभोक्ता आबादी तक नहीं ले जाया जा सकता। अगर सवाल ये है कि क्या मुझे किसी ने रूसी तेल खरीदना बंद करने के लिए कहा है ? इसका स्पष्ट जवाब है, नहीं।'