नागरिकता कानून के नियम तैयार करने की समय सीमा जुलाई तक बढ़ी, सरकार ने संसद में दी जानकारी
नई दिल्ली। गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने बताया है कि नागरिकता (संशोधन) कानून (CAA) को संचालित करने के लिए नियम तैयार करने का काम जारी है। 2019 में पारित हुए इस कानून को लेकर मंगलवार को गृह मंत्रालय ने संसद को जानकारी दी है कि राज्यसभा और लोकसभा की कमेटियां इसको लेकर काम कर रही हैं। मंत्रालय ने नियमों को तैयार करने के लिए दोनों कमेटियों की समय सीमा बढ़ाने की जानकारी भी दी है।
नागरिकता कानून को लेकर हुए एक सवाल के जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंग राय ने अपने जवाब में बताया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम का नोटिफिकेशन 12 दिसंबर 2019 को जारी हुआ और ये 10 जनवरी 2020 से लागू हो गया। कानून को लेकर नियम बनाने की प्रक्रिया चल रही है। लोकसभा और राज्यसभा की कमेटियां इस पर काम कर रही हैं। इन कमेटियों को नियम बनाने की समय सीमा को भी बढ़ाया गया है। लोकसभा की कमेटी की समय सीमा 9 अप्रैल 2021 और राज्यसभा की कमेटी को नियम तैयार करने की समय सीमा को 9 जुलाई 2021 तक बढ़ाया गया है।
सीएए को लोकसभा ने 9 दिसंबर 2019 और राज्यसभा ने 11 दिसंबर 2019 को पारित कर दिया था। 12 दिसंबर को उसे राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर 10 जनवरी 2020 से इसके लागू होने का ऐलान कर दिया था। हालांकि अभी वो नियम बनाने हैं जो नागरिकता कानून को संचालित करेंगे। जब तक नियम बनाकर अधिसूचित नहीं हो जाते, तब तक नागरिकता कानून बेअसर रहेगा।
सीएए के तहत छह धर्मों के लोगों- हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। जो कि 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आ गए थे। इन छह देशों के लोगों के पास, अगर वैध दस्तावेज नहीं हैं, तो भी उन्हें नागरिकता दे दी जाएगी।
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