सबरीमाला मंदिर: केरल सरकार के फैसले को RSS ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश का अधिकार दिया है उसके बाद कोर्ट के फैसले को जिस तरह से केरल सरकार ने तत्काल लागू किया है उसे आरएसएस ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कोर्ट के फैसले के बाद केरल सरकार ने फैसले को लेकर किसी भी तरह की पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला नहीं लिया है, केरल सरकार के इस रूख की भी आरएसएस ने आलोचना की है। आरएसएस ने कहा कि इस मसले पर तमाम पक्षकारो को सामने आना चाहिए।
यह आस्था से जुड़ा मामला
आरएसएस के महासचिव सुरेश भय्याजी जोशी ने कहा कि सबरीमाला देवस्थान का मसला एक स्थानीय मंदिर की परंपरा और आस्था का मसला था, जिससे लाखों लोगों की आस्था जुड़ी है, जिसमे महिलाएं भी शामिल हैं। भक्तों की इस भावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात यह है कि केरल की सरकार ने कोर्ट के फैसले को तत्काल लागू करने का फैसला लिया है और भक्तों की भावनाओं का बिल्कुल भी खयाल नहीं रखा।
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नहीं दायर होगी याचिका
आरएसएस नेता ने कहा कि हर वर्ग के लोगों को मंदिर में पूजा करने का अधिकार है, लेकिन यह फैसला इससे जुड़े लोगों को ही लेना है और प्रशासन को इसे शांतिपूर्ण तरीके से लागू कराना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने कहा कि राज्य सरकार इस मसले पर पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगी और हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति देगी।
नहीं दायर होगी याचिका
आरएसएस नेता ने कहा कि हर वर्ग के लोगों को मंदिर में पूजा करने का अधिकार है, लेकिन यह फैसला इससे जुड़े लोगों को ही लेना है और प्रशासन को इसे शांतिपूर्ण तरीके से लागू कराना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने कहा कि राज्य सरकार इस मसले पर पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगी और हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति देगी।
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