टेरर फंडिग से जुड़े टिकट गिरोह का भंडाफोड़, बना रखी थीं 563 IRCTC आईडी
नई दिल्ली। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने मंगलवार को एक रेलवे टेरर फंडिंग मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। आरपीएफ ने आतंकी फंडिंग से जुड़े कुछ लोगों को भी गिरफ्तार किया है। इस गैंग में आपराधिक तरीके से पैसे कमाने के इतने हथकंडे अपनाए जाते थे। जिसके तार दुबई, पाकिस्तान, बांग्लादेश, सिंगापुर और यूगोस्लाविया में हवाला और मनी लांड्रिंग तथा आतंकी फंडिंग से जुड़े हैं। इसका सरगना हामिद अशरफ दुबई में बैठा है, जबकि भारत में बंगलूर से इसका संचालन होता है।
आरपीएफ ने किया भंडाफोड़
आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने मंगलवार को बताया कि भुवनेश्वर से गिफ्तार गुलाम मुस्तफा ने अपने धंधे की शुरुआत 2015 में आईआरसीटीसी के एजेंट के रूप में की थी। बाद में भारत से दुबई गए हामिद अशरफ के संपर्क में आकर इसने ई-टिकटों की गैरकानूनी बिक्री का काम शुरू कर दिया। आरपीएफ द्वारा बंगलुरु में डाले गए कई छापों में बार बार गुलाम मुस्तफा का नाम सामने आ रहा था। इसलिए ट्रैकिंग कर इसे गिरफ्तार किया गया।
आईआरसीटीसी की बना रखी थी 563 ID
महानिदेशक अरूण कुमार ने कहा कि गुलाम मुस्तफा को भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया। उसके पास आईआरसीटीसी के 563 निजी आईडी हैं और उसके पास स्टेट बैंक आफ इंडिया की 2400 शाखाओं और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की 600 शाखाओं की सूची भी मिली, जहां उसके खाते होने के संदेह हैं। उन्होंने कहा, पिछले दस दिनों से आईबी, स्पेशल ब्यूरो, ईडी, एनआईए और कर्नाटक पुलिस ने मुस्तफा से पूछताछ की है।
गिरोह का सरगना दुबई में
आरपीएफ ने बताया, जुनैद राज एएनएमएस नामक अवैध सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करता था। उसने यह बैंगलूरू में इसे खरीदा था। वह अपनी ट्रेवल्स एजेंसी में आने वाले लोगों को तत्काल रेल टिकट देने का ठेका लेता था। अपने लैपटॉप से तत्काल टिकट बुकिंग के समय इस सॉफ्टवेयर से टिकट बनाता था। अशरफ सॉफ्टवेयर डेवलपर भी है जो 2019 में गोंडा के एक स्कूल में हुए बम कांड में संलिप्त था और संदेह है कि वह दुबई भाग गया है।
केजरीवाल के नामांकन में हुई देरी पर चुनाव अधिकारी ने दी सफाई, बताई वजह