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Rishi Sunak के British PM चुने जाने पर थरूर और चिदंबरम क्या कह दिया ? कांग्रेस को किनारा करना पड़ा

Rishi Sunak के ब्रिटिश पीएम चुने जाने पर चिदंबरम और थरूर के बयान से कांग्रेस ने किनारा कर लिया है। rishi sunak chidambaram tharoor congress lessons to be learned

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Rishi Sunak के ब्रिटिश प्रधानमंत्री चुने जाने पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर और पी चिदंबरम ने ऐसा बयान दे दिया कि कांग्रेस को किनारा करना पड़ गया। सुनक की पदोन्नति पर की गई चिदंबरम, थरूर की टिप्पणी को कांग्रेस ने खारिज कर दिया। कांग्रेस ने कहा कि भारत को किसी अन्य देश से सबक लेने की जरूरत नहीं है। भारतवंशी ऋषि सुनक के पीएम बनने पर दुनियाभर में चर्चा हो रही है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रेस वार्ता कर दोनों नेताओं के बयान और कांग्रेस पार्टी का स्टैंड स्पष्ट किया।

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Rishi Sunak पर P Chidambaram का Tweet, Congress Party ने बयान से किया किनारा | वनइंडिया हिंदी *News
ब्रिटिश इतिहाश में स्पेशल है सुनक का सेलेक्शन

ब्रिटिश इतिहाश में स्पेशल है सुनक का सेलेक्शन

भारतीय मूल के सुनक को यूनाइटेड किंगडम के अगले प्रधानमंत्री चुने गए हैं। ब्रिटेन के इतिहास के इस विशेष लम्हे पर लोग रोचक रिएक्शन दे रहे हैं। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और शशि थरूर भी प्रतिक्रिया देने वाले राजनेताओं की फेहरिस्त में शामिल हैं, लेकिन इन दोनों ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे कांग्रेस पार्टी असहज हो गई।

पहले अब अमेरिका और अब ब्रिटेन

पहले अब अमेरिका और अब ब्रिटेन

पी चिदंबरम ने कहा कि भारत को यूके से सबक लेना चाहिए। उम्मीद है कि एक दिन भारत में भी इस प्रथा को अपनाया जाएगा। चिदंबरम ने कहा, पहले कमला हैरिस, अब ऋषि सुनक। अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगाया है। उन्हें सरकार में उच्च पदों पर चुना गया है।

नीचे देखें चिदंबरम का ट्वीट--

चिदंबरम के अलावा शशि थरूर भी बोले

चिदंबरम के अलावा शशि थरूर भी बोले

बकौल चिदंबरम, 'मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाली पार्टियों को इन घटनाओं से सीखने का सबक मिला है।' कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के अलावा शशि थरूर ने भी सुनक के ब्रिटिश पीएम चुने जाने का स्वागत किया, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि एक दिन भारत में भी इस प्रथा को अपनाया जाएगा। थरूर ने कहा, मुझे लगता है कि हम सभी को यह स्वीकार करना होगा कि ब्रितानियों ने दुनिया में कुछ बहुत ही दुर्लभ काम किया है।

क्या भारत में ऐसा हो सकता है

क्या भारत में ऐसा हो सकता है

थरूर ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री के ऑफिस को सबसे शक्तिशाली कार्यालयों में एक करार दिया। उन्होंने कहा, यूनाइटेड किंगडम के पीएम पद पर अल्पसंख्यक सदस्य का चुना जाना हम भारतीयों के लिए जश्न मनाने का मौका है। उन्होंने आह्वान किया, इस मौके पर आइए हम ईमानदारी से पूछें : क्या भारत में ऐसा हो सकता है।

नीचे देखें थरूर का ट्वीट

लगान से लगाम तक सिर्फ 75 साल में ! जय हिंद

लगान से लगाम तक सिर्फ 75 साल में ! जय हिंद

थरूर ने एक और दिलचस्प तुलना की और दूसरे ट्वीट में ब्रिटेन की नई हुकूमत पर टिप्पणी की। आमिर खान अभिनीत फिल्म लगान की एक तस्वीर के साथ सुनक की फोटो शेयर कर थरूर ने संकेत दिया कि 1947 से पहले भारत ब्रिटिश सरकार को लगान देता था। अब ब्रिटेन की लगाम भारतीय मूल के लीडर के हाथों में है। उन्होंने लिखा, "लगान से लगाम तक सिर्फ 75 साल में ! जय हिंद"

थरूर और चिदंबरम से कांग्रेस ने किनारा किया

थरूर और चिदंबरम से कांग्रेस ने किनारा किया

थरूर और चिदंबरम के बयानों से कांग्रेस ने किनारा कर कहा कि भारत को किसी अन्य देश से सबक लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि अतीत में कई अल्पसंख्यक राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री बन चुके हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, विविधता का सम्मान करना कई वर्षों से भारत की पहचान रही है। उन्होंने जाकिर हुसैन, फखरुद्दीन अली अहमद और एपीजे अब्दुल कलाम के उदाहरणों का हवाला दिया, जिन्होंने कई वर्षों तक देश में शीर्ष संवैधानिक पद संभाला था।

भारत में अल्पसंख्यक नेताओं का नेतृत्व

भारत में अल्पसंख्यक नेताओं का नेतृत्व

जयराम रमेश ने कहा, हमारे देश में 1967 में डॉ जाकिर हुसैन पहले राष्ट्रपति बने, फिर फखरुद्दीन अली अहमद राष्ट्रपति बने और डॉ अब्दुल कलाम। अगर मैं आपको उदाहरण देता रहूं तो बरकतुल्लाह खान मुख्यमंत्री बने और ए आर अंतुले भी मुख्यमंत्री बने। मंगलवार को संवाददाताओं से जयराम रमेश ने कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा, आपको उनसे पूछना चाहिए। मैं केवल भारत जोड़ो यात्रा के बारे में बात कर रहा हूं। अन्य नेताओं ने जो कहा है उसके बारे में नहीं बोलूंगा। आप उनसे पूछें कि उन्होंने क्या कहा है, मैं किसी अन्य नेता की टिप्पणी पर नहीं बोलूंगा। बकौल रमेश, कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है। भारत जोड़ो यात्रा लोकतंत्र की तुरही फूंक रही है। भारतीय जनता पार्टी निरंकुश है।

कांग्रेस सुनक के पीएम बनने का स्वागत करती है

कांग्रेस सुनक के पीएम बनने का स्वागत करती है

जयराम रमेश ने कहा, जिन्हें जनादेश मिलेगा वे प्रधानमंत्री बनेंगे। लोकतांत्रिक रूप से, अगर कोई चुना जाता है, तो हमें कोई समस्या नहीं है। इंग्लैंड की पार्टी ने ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री बनाया है, हम इसका स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि विविधता का जश्न मनाने और उनका सम्मान करने में भारत ने दुनिया भर में एक मिसाल कायम की है। बकौल जयराम रमेश, पिछले आठ वर्षों में हमने जो देखा है, मुझे नहीं लगता कि हमें कहीं और से सबक लेने की जरूरत है। हमारा समाज अनेकता में एकता वाला है। हमने कई वर्षों से देखा है कि हम विविधता का सम्मान करते हैं। समान अधिकार देते हैं, ऐसे में हमें किसी अन्य देश से सबक लेने की जरूरत नहीं है। विविधता से हमारा समाज मजबूत होगा। कांग्रेस महासचिव रमेश ने कहा कि अगर हम विविधता को दबाते हैं और एकरूपता लाने की कोशिश करते हैं, तो हम अपने समाज को मजबूत नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा, "हमारी ताकत अनेकता में एकता है। मैं एक कदम और आगे बढ़ूंगा, क्योंकि हम विविधता के माध्यम से एकजुट रहेंगे। भारत जोड़ो यात्रा का मकसद केवल विभिन्न भाषाओं, जातियों और धर्मों की विविधता को एकजुट करना है।"

क्यों खास है सुनक का ब्रिटिश पीएम बनना ?

क्यों खास है सुनक का ब्रिटिश पीएम बनना ?

सुनक ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री बनेंगे। सुनक की शपथ के साथ इतिहास रचा जाएगा। दीपावाली के दिन गवर्निंग कंजर्वेटिव पार्टी के नए नेता के रूप में निर्विरोध चुने जाने के बाद सुनक के पीएम बनने का रास्ता साफ हो गया। अब 42 साल के सुनक लंदन के 10 डाउनिंग स्ट्रीट की लगाम संभालने को तैयार हैं। धर्मनिष्ठ हिंदू की छवि वाले सुनक भारतीय विरासत के पहले हिंदू प्रधानमंत्री होने के अलावा लगभग 200 वर्षों में सबसे कम उम्र के ब्रिटिश पीएम बनेंगे। बकिंघम पैलेस में किंग चार्ल्स III के साथ ब्रिटिश हुकूमत संभालेंगे। सुनक आधिकारिक तौर पर तब तक प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, जब तक लिज़ ट्रस औपचारिक रूप से King Charles III को अपना इस्तीफा नहीं सौंप देतीं। इसके बाद किंग सुनक को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे।

कांग्रेस मोदी सरकार और सुनक पर क्या बोली ?

कांग्रेस मोदी सरकार और सुनक पर क्या बोली ?

जयराम रमेश ने कहा, हमें विविधता को मजबूत करने की जरूरत है। अलग भाषा, जाति और धर्म वाले लोग भी भारतीय नागरिक हैं। विशेष रूप से मोदी शासन के कुछ वर्षों के उनके उल्लेख के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा, ऐसा इसलिए है क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी के विचारों में बहुत बड़ा अंतर है। वाजपेयी नेहरू युग की उपज थे और वे जवाहरलाल नेहरू से बहुत प्रभावित थे और यही सच है। उन्होंने आरोप लगाया, नरेंद्र मोदी केवल एक ही काम में व्यस्त हैं - जवाहरलाल नेहरू की विरासत को कैसे मिटाया जाए और तीन मूर्ति को कैसे खत्म किया जाए। अब 10, डाउनिंग स्ट्रीट में भी तीन मूर्ति होगी।

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English summary
India doesn't need to draw lessons from any other country like Britain. Congress remarks of Chidambaram, Tharoor on Sunak elevation.
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