दोषी अक्षय की याचिका पर आज सुनवाई, निर्भया की मां बोलीं- मेरी बच्ची की क्या गलती थी?
नई दिल्ली। करीब सात साल पुराने दिल्ली गैंगरेप और हत्या मामले में चारों दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी होनी है। दोषी डेथ वॉरंट पर रोक लगाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं और दो बार फांसी टलवा भी चुके हैं। फांसी की तारीख से दो दिन पहले दोषी अक्षय सिंह ने डेथ वारंट पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की है। इसके अलावा दोषी पवन ने भी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की है। जिस पर आज यानी सोमवार को सुनवाई होगी।

इस मामले में अब निर्भया की मां आशा देवी की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा है, 'मैं 7 साल 3 महीने से संघर्ष कर रही हूं। वो कहते हैं हमें माफ कर दो। कोई कहता है कि मेरे पति, बच्चे की क्या गलती है। मैं कहती हूं कि मेरी बच्ची की क्या गलती थी?' बता दें दोषी पवन ने अपनी याचिका में मांग की है कि उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदला जाए। इसके साथ ही उसने दोहराया है कि घटना के वक्त वह नाबालिग था।
दिल्ली कोर्ट में दोषी अक्षय सिंह द्वारा डेथ वारंट पर रोक की याचिका की सुनवाई पर 2012दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की मां आशा देवी:मैं 7साल 3महीने से संघर्ष कर रही हूं।वो कहते हैं हमें माफ कर दो। कोई कहता है कि मेरे पति,बच्चे की क्या गलती है।मैं कहती हूं कि मेरी बच्ची की क्या गलती थी? pic.twitter.com/OMFVVVIhMf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 2, 2020
वहीं दोषी अक्षय के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं लेकिन उसने दोबारा एक दया याचिका दायर की है। बता दें कि अक्षय पहले भी एक बार दया याचिका दाखिल कर चुका है जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था। उसने ये याचिका दोबारा इसलिए दाखिल की है क्योंकि उसके वकील का दावा है कि पिछली दया याचिका अक्षय के माता-पिता ने डाली थी जिसके पेपर पूरे नहीं थे। अधूरी दया याचिका होने के कारण राष्ट्रपति केस के सभी पहलुओं से वाकिफ नहीं हो पाए थे इसलिए दोबारा दया याचिका दायर की गई है।
माना जा रहा है कि फांसी की तारीख नजदीक आते ही दोषियों का इस तरह अपने कानूनी विकल्पों को इस्तेमाल करना फांसी में देरी करने की एक रणनीति है। पहली बार दोषियों को फांसी 22 जनवरी को होनी थी जिसे बाद में टालकर 1 फरवरी कर दिया गया था। दोनों बार फांसी टलने के बाद तीसरा डेथ वारंट 3 मार्च का जारी किया गया, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि ये तारीख भी टल सकती है।
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