नोटबंदी के बाद बैन 500, 1000 के नोटों का क्या हुआ, RBI ने दिया जवाब
नई दिल्ली। 8 नवंबर 2016 को केंद्र सरकार ने देशभर में नोटबंदी कर 500 और 1000 के नोटों को बंद कर दिया। नोटबंदी के बाद बाद बैंकों में पुराने नोटों की ढ़ेर लग गई। आरबीआई के मुताबिक 30 अगस्त 2017 तक बैंकों के पास 15.28 लाख करोड़ पुराने नोट वापस आ गए। लेकिन इन जमा नोटों का बैंक क्या करेगी ये एक बड़ा सवाल बन गया। नोट चलन से बाहर हो चुके थे इसलिए वापस बाजार में आएंगे नहीं, फिर बैंक इन नोटों का क्या करेगी। आरटीआई द्वारा पूछे गए इस सवाल का जवाब आरबीआई ने दिया है। RBI के मुताबिक इन पुराने नोटों का नियमों के मुताबिक विघटन किया जाएगा। आरबीआई के मुताबिक इन नोटों की वेरिफिकेशन एंड प्रोसेसिंग सिस्टम के बाद उनका ब्रिकेट सिस्टम के जरिए ब्रिक्स तैयार किया जाएगा।
पुराने नोटों का क्या होगा
आरबीआई के मुताबिक पुराने नोटों को सीवीपीएस तरीके से विघटन किया जाएगा। जिसके पहले चरण में देखा जाता है कि करेंसी नष्ट करने के लायक हैं कि नहीं। वहीं दूसरे चरण में श्रेडिंग ब्रिकेट सिस्टम के जरिए नोटों को मशीन से महीन कतरनों में बदला जाता है। इन कतरनों को फिर से कम्प्रेस कर ब्रिक्स की शेप दी जाती है।
क्या होता है ब्रिक्स
ब्रिक्स फ्रेंच शब्द है, जिसका मतलब होता है ब्रिक। चलन से बाहर हो चुके नोटों को ब्रिक्स में बदला जाता है। फिर उन ब्रिक्स को री-साइकल करके कार्ड बोर्ड, फाइल कवर जैसी चीजों को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि इसमें काफी खर्च भी आता है। आरबीआई के 59 सीवीपीएस मशीनों का इस्तेमाल नोटों को कतरनों में बदलने में किया जा रहा है। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद देशभर में 15.28 लाख करोड़ रुपए के 500-1000 के नोट जमा हुए थे।
RTI के जरिए पूछा गया सवाल
पीटीआई के पत्रकार की ओर से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से आरटीआई के जरिए ये स वाल किया गया था कि लाखों करोड़ के पुराने 500 और 1000 रुपए के नोटों का क्या हुआ। जिसके जवाब में आरबीआई ने इस प्रक्रिया की जानकारी दी।