1 नवबंर से रेलवे मुंबई में चलाएगा 610 नई लोकल ट्रेनें
मुंबई। कोरोना वायरस महामारी के कारण मुंबई की उपनगरीय रेल सेवा का अभी भी काफी बड़ा हिस्सा बंद है। रेलवे अनलॉक प्रक्रिया के तहत कई चरणों में धीरे-धीरे सेवाओं को बहाल कर रही है। शनिवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि, मुंबई में रेलवे 1 नवंबर से 610 और स्पेशल उपनगरीय सेवाओं वाली ट्रेनें का संचालन शुरू किया जाएगा। इसके बाद मुंबई में कुल उपनगरीय ट्रेनों की संख्या 2020 हो जाएंगी।
मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे द्वारा जारी एक संयुक्त विज्ञप्ति के अनुसार, इन सेवाओं को जोड़ने के साथ, विशेष उपनगरीय सेवाओं की संख्या को बढ़ाकर 2020 तक किया जाएगा। 610 सेवाओं में से, 314 को मध्य रेलवे नेटवर्क पर चलाया जाएगा, जबकि शेष 296 को पश्चिम रेलवे में रखा जाएगा। रेलवे मुंबई के उपनगरीय नेटवर्क पर 1,410 सेवाओं का संचालन कर रहा है, जिनमें से 706 सेंट्रल लाइन पर और 704 पश्चिम रेलवे पर चलती हैं।
रेलवे ने 15 जून को आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं में कार्यरत व्यक्तियों के लिए स्थानीय ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू किया, और हाल ही में वकीलों और विदेशी वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों को आवागमन की अनुमति दी है। आमतौर पर करीब 85 लाख यात्री रोजाना राज्य की 3200 ट्रेन सर्विस का इस्तेमाल करते हैं। मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर) 157 स्टेशनों को मिलाकर 390 किलोमीटर तक फैला हुआ है।
मुंबई में लॉकडाउन से पहले रोजाना कुल 3141 सर्विस चलती थीं, इससे करीब 80 लाख यात्री सफर करते थे, औसतन 2546 यात्री प्रति लोकल का आंकड़ा था। पीक आवर्स में करीब 4500 यात्री प्रति लोकल चलते थे, जबकि 12 डिब्बों की एक लोकल की क्षमता करीब 1200 यात्री की होती है। कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग की शर्तों को पालने के लिए प्रति लोकल केवल 700 यात्री ही ट्रैवल कर सकते हैं। लॉकडाउन से पहले पश्चिम और मध्य रेलवे को मिलाकर कुल 3141 सेवाओं से करीब 80 लाख यात्री चलते थे।
इसमें पहली ट्रेन रवाना होने से लेकर सुबह 8 बजे तक कुल 485 सेवाओं में तकरीबन 7.5 लाख लोग यात्रा करते थे। इसके बाद शुरू होते थे पीक आवर्स। सुबह 8 बजे से सुबह 11 बजे तक कुल 603 सर्विस में तकरीबन 22 लाख लोग यात्रा करते थे। सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक कुल 751 सर्विस में करीब 19 लाख यात्री सफर करते थे। फिर शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक कुल 743 सर्विस में करीब 25 लाख लोग यात्रा करते थे। रात 8 बजे के बाद आखिरी लोकल चलने तक कुल 699 सेवाओं में करीब 7 लाख यात्री होते थे।