चुनावी तूफान में कांग्रेस को नुकसान और राहुल चले हुदहुद का नुकसान देखने
नई दिल्ली। राहुल गांधी और कांग्रेस का दुर्भाग्य मानों उनका साथ छोड़ने को तैयार ही नहीं है। पहले 2013 के विधानसभा चुनाव फिर लोकसभा चुनाव और अब हरियाणा और कांग्रेस के विधानसभा चुनावों के नतीजे।
इसलिए
राहुल
ने
लिया
यह
कदम
राहुल गांधी ने हालांकि चुनावों में मिली हार के बाद बीजेपी को जीत की बधाई दी और अपनी पार्टी की हार भी स्वीकारी। वहीं सवाल यह है कि राहुल गांधी अचानक नतीजों वाले दिन ही हुदहुद से हुए नुकसान को देखने क्यों पहुंचे जबकि यह तुफान तो पहले ही निकल गया है।
विशेषज्ञों की मानें तो शायद राहुल को पहले ही अंदाजा हो गया था और वह मीडिया की नजरों से बचने और हार से ध्यान बंटाने के लिए इस तरह का कदम उठाने पर मजबूर हुए।
राहुल के नेतृत्व पर उठे सवाल
लगातार चुनावों के हारने के बाद अब राहुल गांधी जो कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी हैं, उनके नेतृत्व पर भी सवाल उठ रहे हैं। आलोचकों की मानें तो आखिर कब तक कांग्रेस को राहुल की वजह से नुकसान उठाना पड़ेगा। वह मानते हैं कि अब कांग्रेस को एक बार अपने अंदर झांकने और रिव्यू करने की सख्त जरूरत है।
अगर वह ऐसा नहीं करती है तो फिर उसे आने वाले समय में बड़ा नुकसान उठाने को तैयार रहना होगा।