Rahul Gandhi in Gujarat: गुजरात में राहुल गांधी के 'हार्दिक' स्वागत का सच जानिए
उधर गुजरात चुनाव से जुड़े कांग्रेस रणनीतिकारों की टीम इस कसरत में ओबीसी समुदाय के युवा नेता अल्पेश ठाकुर और सूबे में दलित नेतृत्व के नए चेहरे के रूप में सामने आए जिग्नेश मेवानी से संवाद कर रही है।
नई दिल्ली। पाटीदार समाज के सबसे बड़े नेता के रूप में उभरे हार्दिक ने गुजरात की तीन दिन की चुनावी यात्रा पर पहुंचे राहुल गांधी के दौरे का स्वागत कर बीजेपी की खिलाफत करने का साफ संदेश दे दिया है। दो दशक से गुजरात की सत्ता से बाहर कांग्रेस भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए अपने संगठन की ताकत से इतर जातीय-सामाजिक समीकरण को साधने की शिद्धत से जरूरत महसूस कर रही है। राजनीति में कुछ भी बिना मतलब के नहीं होता। राहुल गांधी के गुजरात पहुंचने पर हार्दिक पटेल ने जो स्वागत किया है इसका भी बड़ा मतलब है।
पॉलिटिक्स में टाइमिंग का ख्याल बहुत जरूरी होता है
पटेल अपने समाज के आरक्षण के लिए बीते दो साल से आंदोलनरत है, लेकिन बीजेपी उनकी मांग को ठुकराती रही है। उनपर देशद्रोह का केस भी दर्ज किया गया और उन्हें जेल भी जानी पड़ी। ऐसे समय में जब इसी साल गुजरात में चुनाव होने वाले है हार्दिक ने कांग्रेस के समर्थन के संकेत दिए हैं। मतलब ये कि चुनावों का परिणाम जिसके पक्ष में भी जाए हार्दिक की पटेल समाज पर पकड़ और मजबूत होगी। चुनाव विश्लेषकों की माने तो हार्दिक पटेल की नाराजगी पटेल समाज की नाराजगी है और अगर विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें नहीं मनाया गया तो बीजेपी को उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। ऐसे में संभव है कि चुनावों से पहले बीजेपी भी हार्दिक को अपने पाले में लाने कोशिश करे।
जिग्नेश और अल्पेश पर कांग्रेस की नजर
उधर गुजरात चुनाव से जुड़े कांग्रेस रणनीतिकारों की टीम इस कसरत में ओबीसी समुदाय के युवा नेता अल्पेश ठाकुर और सूबे में दलित नेतृत्व के नए चेहरे के रूप में सामने आए जिग्नेश मेवानी से संवाद कर रही है। गुजरात चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए कांग्रेस इस बार सूबे के सामाजिक समीकरणों को दुरुस्त करने में बड़ा दांव लगा रही है। मतलब ये हार्दिक के बाद कांग्रेस रणनीतिकारों की नजर जिग्नेश और अल्पेश पर है। कांग्रेस रणनीतिकार जिग्नेश और अल्पेश के साथ आने को लेकर अभी पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं। मगर पार्टी दलित समुदाय के सबसे ताकतवर चेहरे के रूप में उभरे जिग्नेश मेवानी को लेकर काफी सकारात्मक है। पार्टी नेताओं का मानना है कि ऊना में दलित उत्पीड़न की घटनाओं के बाद जिग्नेश ने जिस तरह राज्य सरकार और भाजपा की सियासत के खिलाफ आवाज बुलंद की है, उसे देखते हुए कांग्रेस का समर्थन करना ही उनके लिए सबसे बेहतर विकल्प है।
पटेल दिलाएंगे कांग्रेस को सत्ता ?
कांग्रेस पिछले दो दशक से राज्य में सत्ता का बनवास झेल रही है। राहुल गांधी सौराष्ट्र के जरिए सत्ता की वापसी की राह बनाने उतरे हैं।राहुल पाटीदार समाज को दोबारा से अपने साथ जोड़ने की कवायद कर रहे हैं। सौराष्ट्र पहुंचने पर पटेल आरक्षण आंदोलन के अगुवा रहे हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर उनका स्वागत किया है। दरअसल गुजरात की राजनीति में सौराष्ट्र की काफी अहम भूमिका रही है। राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से 52 सीटें इस क्षेत्र से आती हैं। सौराष्ट्र में बड़ी आबादी पाटीदार समाज की है और उसमें भी खासकर लेऊवा पटेल की। इस क्षेत्र में कम से कम 32 से 38 विधानसभा सीटों पर पटेल समुदाय किसी को भी पार्टी को चुनाव हराने और जिताने का फैसला करते हैं।
क्या जिग्नेश और अल्पेश चलेंगे हार्दिक की राह?
राहुल गांधी अगले 15 अक्टूबर तक चार चरणों में गुजरात के चारों क्षेत्रों की यात्रा पूरी करेंगे। कांग्रेस की रणनीतिक कोशिश यही है कि राहुल की इन्हीं यात्राओं के दौरान जिग्नेश और अल्पेश से भी हार्दिक की तरह पार्टी के समर्थन का ऐलान कराया जा सके।
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