Rafale Row: 'पीएम मोदी का फ्रांस दौरा और 17 दिन के भीतर डील मिली रिलायंस को'
नई दिल्ली। राफेल डील को लेकर देश में लगातार सियासी घमासान मचा हुआ है। एक तरफ जहां कांग्रेस इस डील को लेकर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है और मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है तो दूसरी तरफ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें किसी भी बात की सही जानकारी नहीं है। लेकिन इस मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। दरअसल फ्रांस की जो कंपनी राफेल फाइटर प्लेन बनाती है उसका एक वीडियो सामने आया है जिसके जरिए इस बात की पुष्टि की है कि 108 राफेल की डील एचएएल के साथ तकरीबन पूरी हो चुकी थी, लेकिन आखिरी वक्त में यह डील पूरी नहीं हो सकी।
पीएम के दौरे के बाद बदल गई तस्वीर
राफेल बनाने वाली फ्रांस की कंपनी डोसाल्ट की ओर से कहा गया है कि एचएएल के साथ 108 राफेल की डील तकरीबन हो चुकी थी लेकिन इसके ठीक दो हफ्ते बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस पूरी डील को नए तरीके से फाइनल किया, जिसमे एचएएल को बाहर कर दिया गया। डोसाल्ट के चेयरमैन का वीडियो सामने आया है, जिसको लेकर अब कांग्रेस नए तरीके से केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई है। डोसाल्ट की ओर से जारी किए गए इस वीडियो नो केंद्र सरकार की मुश्किल बढ़ा दी है।
आखिरी समय में बदली डील
राफेल डील के फाइनल होने के दो दिन पहले विदेश सचिव एस जयशंकर ने अपने बयान में कहा था कि एचएएल पूरी तरह से इस प्रक्रिया में शामिल है। लेकिन आखिरी समय में ऐसा क्या हुआ कि एचएएल को इससे बाहर कर दिया गया, इस बात को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार को घेरने में लगी है। आपको बता दें कि डोसाल्ट की ओर से जो वीडियो साझा किया गया है वह 25 मार्च 2015 का है। इस वीडियो में भारतीय वायुसेना और एचएएल के अधिकारी देखे जा सकते हैं। वीडियो को डोसाल्ट के मुखिया एरिक ट्रैपियर ने साझा किया है।
निर्मला सीतारमण का इस्तीफा मांगा
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि इस वीडियो के 17 दिन बाद पीएम मोदी ने राफेल डील रिलायंस को दे दिया। यही नहीं कांग्रेस ने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए उनका इस्तीफा मांगा है। आपको बता दें कि 10 अप्रैल 2015 को पीएम मोदी ने 36 राफेल जेट की डील का ऐलान किया था, जिसकी कीमत 60000 करोड़ रुपए था। यह डील तत्कालीन फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रैंकोस होलांदे के साथ की गई थी।
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कांग्रेस का तीखा वार
इससे पहले कांग्रेस की सरकार ने डोसाल्ट से 126 राफेल जेट खरीदने की बात की थी, जिसमे 18 जेट उड़ने की स्थिति में दिए जाने की बात कही गई थी, जबकि 108 को एचएएल एसेंबल करता, लेकिन यूपीए इस डील को आखिरी मुकाम तक नहीं पहुंचा पाई थी। विपक्ष ने सरकार पर यह सवाल खड़ा किया है कि आखिर कैसे पीएम के दौरे के बाद एचएएल को इस बातचीत से बाहर कर दिया गया, जबकि खुद विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा था कि एचएएल इसका हिस्सा है।
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