कपिल सिब्बल का आरोप- पीएम के आलावा किसी को नहीं थी नई राफेल डील की जानकारी
नई दिल्ली। राफेल डील को लेकर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। मंगलवार को सीनियर कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर पीएम मोदी पर जबरदस्त हमला बोला। कपिल सिब्बल ने कहा कि, मनोहर पर्रिकर, अरुण जेटली या निर्मला सीतारमण में से किसी को भी राफेल डील के बारे में जानकारी नहीं थी, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने की थी। राफेल डील के बारे में सिर्फ दो लोगों को ही जानकारी थी, उनमें हैं तत्कालीन फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और भारतीय प्रधानमंत्री मोदी। इनके अलावा किसी को इसके बारे में जानकारी नहीं थी।
कपिल सिब्बल ने कहा कि, 10 अप्रैल, 2015 को प्रधानमंत्री ने 36 राफेल खरीदने की घोषणा कर दी। अब फ्रांस्वां ओलान्द कहते हैं कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं था। केवल दो लोगों को पता था कि फ्रांस्वां ओलान्द को मोदी जी ने क्या कहा। एक फ्रांस्वां ओलान्द और दूसरे नरेन्द्र मोदी जी। 28 मार्च 2015 को रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को शामिल किया गया था। 25 मार्च 2015 को एरिक ट्रैपियर ने कहा कि एचएएल के साथ अनुबंध को अंतिम रूप दे दिया गया। 11 मार्च 2015 को एचएएल और दसॉ ने कहा कि एचएएल और दसॉ द्वारा निर्मित राफेल के कुछ हिस्सों की संबंधित कंपनियों द्वारा गारंटी दी जाएगी।
कपिल सिब्बल ने कहा कि, प्रधानमंत्री जी को अपना नारा बदल देना चाहिए कि मैं न बताऊंगा, न बताने दूंगा। पीएम मोदी चुप इसलिए हैं क्योंकि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। अगर वह मुंह खोले भी तो क्या बोलें? इसलिए चुप हैं। जिस एचएएल ने कई सारे विमान बनाए उसे निर्मला सीतारमण ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इन विमानों को बनाने में वह सक्षम नहीं है। बीजेपी के पास इस घोटाले का कोई जवाब नहीं है। अब इनको जनता जवाब देगी, वही तय करेगी कि इनका क्या करना है?
इससे पहले बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए। पात्रा ने कहा कि, राफेल खरीद में कांग्रेस पार्टी को कमीशन खाने को नहीं मिला इसीलिए कांग्रेस पार्टी छटपटा रही है। रोबर्ट वाड्रा के मित्र संजय भंडारी की कंपनी 'Offsets India Solutions' जो कांग्रेस की सरकार के समय रक्षा सौदों में दलाली करकर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का काम करती थी उसको 2014 में मोदी सरकार द्वारा Red flag किया गया है।
पात्रा ने कहा कि, राफेल खरीद से सम्बंधित गोपनीय दस्तावेज जो सिर्फ रखा मंत्रालय में होने चाहिए थे रोबर्ट वाड्रा के अभिन्न मित्र संजय भंडारी के घर से निकले है, ये कागज़ वहाँ तक कैसे पहुंचे? पात्रा ने दावा किया कि, हथियारों के दलाल संजय भंडारी द्वारा रोबर्ट वाड्रा के लिए लंदन में 19 करोड़ रुपये का फ्लैट ख़रीदा गया है। राफेल डील में सिर्फ और सिर्फ रोबर्ट वाड्रा को दलाली नहीं मिलने के कारण कांग्रेस पार्टी ने राफेल डील को पूरा नहीं होने दिया।
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