पंजाब सरकार ने कर्मचारियों से की स्वैच्छिक वेतन कटौती की अपील
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते पंजाब को वित्तीय वर्ष 2019-20 में 22,000 करोड़ रुपये का राजस्व घाटे हुआ है। जिसके बाद राज्य सरकार के मंत्रियों ने फैसला लिया है कि वे अगले तीन महीनों तक अपना वेतन नहीं लेगे। वहीं राज्य के मुख्य सचिव ने सभी सरकारी कर्मचारियों से इस संकट घड़ी में मदद करने के लिए अपने वेतन में स्वैच्छिक कटौती करने की अपील की है।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बैठक के बाद कहा कि राज्य के सभी मंत्रियों ने स्वेच्छा से अपनी पूरी तनख्वाह, अगले तीन महीनों के लिए, सीएम के COVID राहत कोष में दान करने का निर्णय लिया है। हाल ही में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में गठित वित्त उप-समिति की बैठक हुई। बैठक में कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के चलते हुए राजकोषीय नुकसान का जायजा लिया गया। समिति को नुकसान की भरपाई करने और वर्तमान संकट से उत्पन्न लागतों को पूरा करने के लिए राजस्व उत्पन्न करने के तरीके खोजने का काम सौंपा गया है।
वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि, राज्य सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2020 में 88,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त का अनुमान लगाया था, लेकिन सरकार को सिर्फ 66 हजार करोड़ रुपए का राजस्व ही प्राप्त हुआ। इसका सबसे बड़ा कारण लॉकडाउन भी माना जा रहा है। जिसके चलते सरकार को कम जीएसटी संग्रह मिला।
पंजाब में कोरोना वायरस गुरुवार को से एक और मरीज की मौत हो गई है। इसके साथ ही राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 14 हो गई है। आज राज्य में कोरोना के पांच नए मामलों की पुष्टि हुई है। राज्य में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 191 पहुंच गई है।राज्य में अब तक 27 ठीक हो चुके हैं। राज्य के चार जिलों तरनतारन, फाजिल्का, फिरोजपुर व बठिंडा में एक भी केस नहीं है।
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