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Pulwama Attack: छुट्टी से लौटे पर अब घर कभी नहीं लौटेंगे, रुला देते हैं शहीदों के वो आखिरी पल

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में देश के 40 वीर सपूत शहीद हो गए। इस हमले में शहीद हुए जवानों के परिवार में कोहराम मचा हुआ है। कोई घर आने का वादा करके कभी नहीं लौटा तो कोई दो दिन पहले ही घर विदा हुआ था। आत्मघाती आतंकी हमले में शहीद हुए जवान देश के अलग-अलग कोने से सैन्य बल में शामिल होकर सरहद की सुरक्षा में तैनात थे। अपनों की शहादत की खबर सुनकर घरवालों में जहां एक और गुस्सा है तो वहीं दूसरी ओर उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसा ही कुछ हाल बिहार के भागलपुर के वीर सपूत रतन ठाकुर के परिजनों का है। उनके पिता को जब अपने बेटे की शहादत की खबर मिली तो वह पिता बेसुध हो गए। उन्होंने रोते हुए कहा कि, मैं देश की मातृभूमि की सेवा में एक बेटा खो चुका हूं। मैं अपने दूसरे बेटे को भी मातृभूमि की खातिर लड़ने और कुर्बान होने को तैयार रहने के लिए भेजूंगा लेकिन पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब मिलना चाहिए।

रमेश 12 फरवरी को घर से रवाना हुए थे

रमेश 12 फरवरी को घर से रवाना हुए थे

आतंकी हमले में शहीद होने वालों में वाराणसी जिले के चौबेपुर क्षेत्र के तोफापुर के लाल रमेश यादव (26) भी हैं। रमेश 12 फरवरी को घर से रवाना हुए थे। गुरुवार की शाम फ़ोन आया कि रमेश शहीद हो गए हैं तो बूढ़े पिता किसान श्याम नारायण गश खाकर जमीन पर गिर पड़े जबकि पत्नी रेनू अचेत हो गई। रेनू होश में आने पर बिलखते हुई बार-बार यही कह रही थी कि, उन्होंने कहा था पिता और परिवार के लोगों का ध्यान रखना...मैं सरहद पर देश की हिफाजत करूंगा।

रमेश ने श्रीनगर पहुंचकर फोन करने का किया था वादा

रमेश ने श्रीनगर पहुंचकर फोन करने का किया था वादा

हादसे से कुछ देर पहले रमेश ने पत्नी रेनू और परिजनों से फोन पर बात की थी। उन्‍होंने बताया कि वह जम्मू कैम्प से श्रीनगर जा रहे हैं और वहां पहुंचकर फिर बात करेंगे। लेकिन एक तेज धमाके ने सब कुछ खत्म कर दिया। काफी देर बाद जब रमेश का फोन नहीं आय़ा तो रेनू ने फोन मिलाया लेकिन कई बार कोशिश करने के बाद भी फोन नहीं लगा। इसके बाद रात आठ बजे फोन आया तो रमेश के शहीद होने की जानकारी मिली। रमेश के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद पत्नी रेनू रोते-रोते बेहोश हो गईं तो पिता श्याम नारायण यादव का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। श्यामनारायण यादव ने कहा कि उनका कमाने वाला बेटा शहीद हो गया, अब घर कैसे चलेगा।

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हमले के वक्त अपने पति से बात कर रही थीं नीरज देवी

हमले के वक्त अपने पति से बात कर रही थीं नीरज देवी

वहीं कन्नौज के सुखचैनपुर गांव के निवासी प्रदीप सिंह यादव की पत्नी नीरज देवी पति के शहीद होने की खबर मिलने के बाद बेसुध पड़ी हुई हैं। रोते हुए नीरज देवी ने बताया कि जिस वक्त हमला हुए वह उस वक्त अपने पति से बात ही कर रही थीं तभी तेज धमाके की आवाज आई। उन्होंने कहा कि दोबारा फोन मिलाने की कई बार कोशिश की लेकिन फोन नहीं लगा। वह कहती हैं कि कोई जानकारी न मिलने पर पति की सलामती की दुआ करने लगीं। फिर शाम को कंट्रोल रूम से कॉल आया तो पति की शहादत की खबर मिली।

दो दिन पहले प्रदीप घर से वापस गए थे

दो दिन पहले प्रदीप घर से वापस गए थे

ऐसा ही कुछ हाल पुलवामा में तैनात शामली के प्रदीप के घरवालों का है। प्रदीप शामली के बनत गांव के रहने वाले थे। प्रदीप के अपने चचेरे भाई की शादी में शामिल होने घर आए थे। वह दो दिन पहले ही वापस गए थे। उनकी शहादत की खबर ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि प्रदीप अब कभी लौटकर नहीं आएंगे।

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English summary
pulwama attack martyrs soldier life story and his family reactions
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