लोकसभा चुनाव 2019: रांची लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: झारखंड की रांची लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा के राम टहल चौधरी हैं। उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेस के सुबोध कान्त सहाय को हराकर पांचवी बार इस सीट पर अपना परचम लहराया। राँची भारत का एक प्रमुख नगर और झारखंड प्रदेश की राजधानी है। यह झारखंड का तीसरा सबसे प्रसिद्ध शहर है। इसे झरनों का शहर भी कहा जाता है। पहले जब यह बिहार राज्य का भाग था तब गर्मियों में अपने अपेक्षाकृत ठंडे मौसम के कारण प्रदेश की राजधानी हुआ करती थी। झारखंड आंदोलन के दौरान राँची इसका केन्द्र हुआ करता था। राँची एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र भी है। जहाँ मुख्य रूप से एच ई सी (हेवी इंजिनियरिंग कारपोरेशन), भारतीय इस्पात प्राधिकरण, मेकन इत्यादि के कारखाने हैं। राँची के साथ साथ जमशेदपुर और बोकारो इस प्रांत के दो अन्य प्रमुख औद्योगिक केन्द्र हैं।

रांची लोकसभा क्षेत्र का इतिहास
झारखण्ड का रांची लोकसभा क्षेत्र सरिकेला खरसावाँ और रांची जिले के एक बड़े हिस्से को सम्मलित करता है। इसके भीतर 6 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं - इचागढ , सिल्ली, खिजरी,रांची,हटिया और कांके। इनमे से खिजरी विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है और कांके विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए अरक्षित है। साल 2011 की जनगणना के अनुसार, राँची नगरपालिका की जनसंख्या 1,126,741 है, यह भारत में 46 वां सबसे बड़ा शहरी शहर बना रही है। जनसंख्या का 51.3% पुरुष और 48.7% महिलाएं हैं। राँची शहर में औसत साक्षरता दर 87.68% (जनगणना 2011) है। 2000 में झारखंड के नए राज्य की घोषणा के बाद शहर में आबादी में अचानक वृद्धि देखी गई। रोजगार के बढ़ते अवसरों और कई क्षेत्रीय और राज्य स्तर के कार्यालयों, बैंकों और एफ.एम.सी.जी. कंपनियों के उद्घाटन के चलते शहर में रोज़गार का तेजी प्रवासियों की मांग 2010 के अंत में एसोसिएटेड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, राँची 16.8% की हिस्सेदारी के साथ भारत में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करने वाले टियर-थ्री शहरों में से एक था|
राम टहल चौधरी का लोकसभा में प्रदर्शन
राम टहल चौधरी की संसद में उपस्थिति के औसत को देखा जाए तो जहाँ राज्य स्तर पर अमूमन औसत 86 प्रतिशत रहा है वहां इनका व्यक्तिगत औसत 96 प्रतिशत गया जो वाकई एक अच्छा अंक है। बात करें डिबेट्स की तो राज्य औसत 81.4 % और राष्ट्र औसत 63.8 % के समक्ष इनका व्यक्तिगत औसत 77 प्रतिशत है। यह एक संतोषजनक आंकड़ा है। उपस्थिति भी चौधरी जी का औसत 578 रहा जबकि राज्य औसत 406 और राष्ट्र औसत 273 है।
स्ट्राइक रेट को देखें तो यहाँ सरकार बनाने के अधिकतम अंक इंडियन नेशनल कांग्रेस को जाते हैं। डेमोग्राफिक्स के अनुसार 28,35,532 की जनसँख्या वाले इस क्षेत्र में 46.71% ग्रामीण और 53.29% शहरी जनता हैं| 2014 के चुनाव में इस इलाके का वोटिंग टर्न आउट रहा 64 प्रतिशत यानि की 10,49,783 मतदाताओं ने अपने मतों का दान किया। अब देखना दिलचस्प होगा कि लोकसभा चुनाव 2019 में कौन इस सीट पर जीतता है।
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